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गिरफ्तार दो पत्रकारों को पुलिस रिमांड मिली, अदालत ने जारी किया..

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रायपुर। प्रदेश और देशभर में इन दिनों पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करने वालों की बाढ़ आई हुई है। अपने आप को न्यूज़...

 


छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

रायपुर। प्रदेश और देशभर में इन दिनों पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करने वालों की बाढ़ आई हुई है। अपने आप को न्यूज़ वेबसाइट के पत्रकार बताकर लोगों से अवैध वसूली के मामले काफी बढ़ते जा रहे है। कुछ ऐसे फर्जी लोग खुद को न्यूज़ वेबसइट के पत्रकार बताकर लोगों से पैसा उगाही का काम करते है। इससे ईमानदार पत्रकारों पर भी लोगो का भरोसा उठते जा रहा है। ऐसे फर्जी पत्रकार रुपये कमाने के लिए हर तरह के हथकंडा अपनाते है। फर्जी वेबपोर्टल बनाकर सड़कों पर घूमने वाले पत्रकार लोगों से अवैध वसूली के नाम पर धब्बा लगा देते है। लोगों को धमकाकर वसूली करने वाले वेबपोर्टलों के पत्रकार हर दिन कोई न कोई कारनामा करते ही है।

रेस्टोरेंट संचालक से अवैध उगाही के मामले में माना कैंप थाना पुलिस ने तीन वेब पत्रकारों के खिलाफ अपराध कायम किया है। जिसमें दो पत्रकारों को पुलिस रिमांड में लिया गया है। और एक को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। मगर जब माना थाना पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई करने एक आरोपित को लाई तो पत्रकार ने थाना प्रभारी से हुज्जतबाजी की और कालर पकड़कर धमकाया भी। मामले में शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस भी दर्ज किया गया

 माना पुलिस थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने बताया कि वीआइपी रोड स्ट्रीट इसिता पैराडाइस ब्लाक एक, तेलीबांधा निवासी सर्वेश द्धिवेदी (28) का वीआइपी रोड पीटीएस चौक पर एबोय एंड बियोन नाम से रेस्टोरेंट है। रेस्टोंरेंट का एक साल पूरा होने पर छह फरवरी को ग्राहकों के लिए बाकायदा प्रशासन से अनुमति लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

पुलिस ने अदालत में दी मोबाइल में नक्सली पर्चा होने की जानकारी, जांच में होगा खुलासा सुनील नामदेव मामले में पुलिस ने न्यायालय से सर्च वारंट की मांग की थी जिसमें कोर्ट से आदेश आ गया जिसमें कोर्ट ने लिखा कि सुनील नामदेव जिसका घर और ऑफिस आनंद वाटिका माना थाना कैम्प रायपुर में स्थित है, जहां पुलिस जाकर सर्च करेगी। और अपराध से संबंधित साक्ष्य को ही पुलिस जब्त करेगी। और बाकि वस्तुओं और सामानों को पुलिस हाथ तक नहीं लगाएगी। पुलिस मामले में जांच कर रही है. 

तभी पुलिस को पता चला कि आरोपी के मोबाइल में काफी राज छुपे है. जब पुलिस को मोबाइल मिला तो उसकी जांच की जिसमें पुलिस को मोबाइल डीटेल के साथ नक्सली पर्चा भी मिला। अब पुलिस ने मामले को एक और दिशा में जांच करने की सोची है। कही आरोपी सुनील नामदेव नक्सली लोगों के लिए तो काम नहीं कर रहा था ये भी एक प्रशनवाचक चिन्ह बना हुआ है। और सिर्फ सुनील के मोबाइल से ही नहीं बल्कि आरोपी साजिद के मोबाइल से भी नक्सली पर्चा पुलिस को मिला है जिसकी पूरी जांच पुलिस कर रही है।

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