छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज । ग्रामीण क्षेत्रो के गांव-गांव में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। चाय की गुमटियों जैसी दुकानों में झोलाछाप डॉक्टर, म...
छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज । ग्रामीण क्षेत्रो के गांव-गांव में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। चाय की गुमटियों जैसी दुकानों में झोलाछाप डॉक्टर, मरीजों का इलाज कर रहे हैं विदित हो, कि विगत दिनों जिला में प्रकाशित अखबार की खबर का हवाला देते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव-गांव जाकर इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों को इलाज करने से रोकने के लिए गाइडलाइन जारी किया है, लेकिन ग्रामीण अंचल क्षेत्रों के ज्यादातर मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से, सभी बीमारियों का इलाज इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास उपलब्ध रहता है।
विदित हो कि, जिला के ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में गंभीर मरीजों की हालत ज्यादा खराब होने पर आम जनता को जिला के बाहर अन्य जगहों के प्राईवेट हास्पिटलो में भेजा जाता है जिनके एवज में उनका कमीशन फिक्स रहता है। झोलाछाप डाक्टरों के मरीज की हालत बिगड़ती है तो उसे आनन-फानन में जिला
अस्पताल या प्राइवेट हास्पिटलो में रेफर कर दिया जाता है, जबकि इस तरह के लापरवाहियों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के जिला सहित विकासखंड चित्किसा अधिकारी, बीएमओ से लेकर सीएमओ और जिला कलेक्टर सहित अधिकारियों तक को है पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है ! सूत्रों की मानें तो जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर झोलाछाप डॉक्टरों ने अब तक मोटी कमाई कर रखी है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने अब तक आम जनता को राहत देने के लिए माकुल स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया है; जिसके चलते रोजना जिला के आम जनता अपनी गाढ़ी कमाई इन झोलाछाप डॉक्टरों पर लूटाने के लिए मजबूर हैं।
जिला के ग्रामीण अंचल क्षेत्रों के झोलाछाप डॉक्टरों
द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। दुकानों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है। इन दिनों कोरोना महामारी ने देश दुनिया सहित हर जगह कहर बरपा रखा है; ऐसे में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं। मौसम बदलने से उल्टी, दस्त, बुखार जैसी बीमारियां ज्यादा पनप रही हैं साथ ही कोरोना महामारी जैसे बिमारी के चलते लोगों की हालत ऐसे भी खराब है। झोलाछाप डॉक्टर बीमारियों का फायदा उठाकर मरीजों को जमकर लूट रहे हैं।
बीते कुछ वर्षों से फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों की वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में कोई मात्र फर्स्ट एड के डिग्रीधारी हैं तो कोई अपने आप को बवासीर या दंत चिकित्सक बता रहा है लेकिन इनके निजी क्लीनिकों में लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज धड़ल्ले से किया जा रहा है। कुछ डॉक्टरों ने तो अपनी क्लिनिक में ही ब्लड जांच, यूरीन जांच इत्यादि की सुविधा भी कर रखी है।
इन फर्जी डॉक्टरों के पास मेडीसिन की कोई वैध डिग्री नहीं है और उनकी योग्यता
जिला के ग्रामीण क्षेत्रों सहित क्षेत्र में कई झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक धड़ल्ले से चल रही हैं। इनमें से ज्यादातर दुकानें दुहाई दरबाजा, मैन बाजार, बस स्टैंड एवं लोहड़ी माता क्षेत्र में है। खास बात यह है कि इन फर्जी डॉक्टरों के पास मेडीसिन की कोई वैध डिग्री नहीं है और उनकी योग्यता हाईस्कूल या हायर सेकंडरी पास है, लेकिन मरीजों से इलाज के एवज में ये डॉक्टर मोटी रकम वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं कई ऐसे डॉक्टरों ने तो अपने एलोपैथिक के साथ होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक इलाज की व्यवस्था ही नहीं कर रखी है बल्कि मरीजों के लिए ताबीज और झाड़, फूंक तक की व्यवस्था कर रखी है। जबकि जिला के स्वास्थ्य केंद्र और क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बिगड़ने से ग्रामीण क्षेत्र के मरीज इन झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे इलाज करवा रहे हैं, लेकिन प्रशासन सहित समूचा स्वास्थ्य महकमा मौन है…
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