छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज कांकेर । भानुप्रतापपुर के कोरर क्षेत्र के डूमरकोट का है जिस मां ने 9 महीने अपने कोख में रखा, वह न जाने आज क्यों निर...
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कांकेर । भानुप्रतापपुर के कोरर क्षेत्र के डूमरकोट का है जिस मां ने 9 महीने अपने कोख में रखा, वह न जाने आज क्यों निर्दयी हो गई. मां की ममता को कलंकित कर गई, इंसानियत शर्मसार हो गई. जिस मासूम ने अभी दुनिया में चंद घंटे जिया भी नहीं, उसे उसकी निर्दयी मां ने झाड़ियों में फेंक दिया था. जब नवजात दुनिया में आकर आंखें खोली तो बेरहम मां उसे जंगल के हवाले कर चुकी थी. मासूम को चींटियां अपना निवाला बना रही थी, मासूम बिलख रही थी. मां के बिना आंचल के लिए तड़प रही थी, फिर बेबसी की किलकारी सुनकर एक दूवदूत वहां पहुंच गया, जिसने उस मासूम को जीवनदान दिया. उसे सीने से लगाकर जीने की आस दी ।
मां ने 'मां' नाम को किया कलंकित !
दरअसल, ये माजरा भानुप्रतापपुर क्षेत्र का है. जहां एक कलयुगी मां ने अपने रिश्ते को बदनाम करते हुए अपनी नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया. मां ने मां नाम को कलंकित कर दिया. अपनी बच्ची को झाड़ियों में इसलिए फेंक दिया कि उसका जीवन समाप्त हो जाए, लेकिन देवदूत बनकर एक ग्रामीण सामने आ ही गया. बच्चे की रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण झाड़ियों की तरफ पहुंचा तो देखा कि एक नवजात बच्ची रो रही है. चीटियां उसे बुरी तरह काट रहीं हैं, उसने तत्काल गांव के कोटवार को सूचना दी. कोटवार ने तहसीलदार एवं थाना प्रभारी को सूचना दी, जिस पर तत्काल थाना प्रभारी ने पुलिस को ग्राम डूमरकोट भेजा जहां से बच्ची को कोरर अस्पताल लाया गया
वह मासूम अपनी मां से यह कह भी न सकी कि मुझे अपने सीने से लगा लो इंसानियत को शर्मसार करने वाला यह मामला
जहां एक निर्दई मां ने अपनी मासूम बच्ची को झाड़ियों में मरने के लिए छोड़ दिया कोरर पुलिस ने मामले का FIR दर्ज जांच शुरू की और एक 20 वर्षीय युवती को इस मामले में आरोपी बनाया है. युवती अपनी मौसी के यहां कुछ दिन पहले ही आयी थी. युवती प्रेम प्रसंग के चलते गर्भवती हो गई थी. लोकलाज के भय से उसने दुनिया में मां शब्द को कलंकित कर दिया. इंसानियत को शर्मसार कर दिया और बता दिया कि मानवता भी इस दुनिया में अब बेरहम हो चली है ।
हालांकि प्रेम संबंध का परिणाम यह निकला जिससे समाज में मां शब्द कलंकित हो गया. इसके लिए समाज के कुछ वर्ग भी जिम्मेदार हैं, जो अपने बच्चों पर या तो नियंत्रण नहीं रख सकते हैं, या उन्हें खुले आसमान में उड़ने की छूट दे देते हैं. हालांकि इसे मां की मजबूरी माने या मां की बेरहमी यह तो आने वाला समय और समाज ही बताएगा, लेकिन मां और एक औरत की यह करतूत समाज को शर्मसार तो कर ही गई ।
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