छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज धमतरी । जिले के नगरीय क्षेत्रों में ऐसे निवासी जिन्होंने शासकीय भूमि (घास भूमि) पर मकान बनाकर निवास कर रहे हैं, उनके ...
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धमतरी । जिले के नगरीय क्षेत्रों में ऐसे निवासी जिन्होंने शासकीय भूमि (घास भूमि) पर मकान बनाकर निवास कर रहे हैं, उनके नजूल घोषित होने के बाद उस भूखण्ड का 30 वर्षीय नजूल पट्टा, वर्तमान में शासन की योजनांतर्गत फ्री-होल्ड करके भूमि स्वामी का हक प्रदान किया जाएगा। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना सहित शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हें मिलेगा।
इस संबंध में कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने छत्तीसगढ़ राजस्व पुस्तिका परिपत्र में प्रदत्त अधिकारों के तहत शहरी क्षेत्रों के आसपास के 5 मील के भीतर की आबादी एवं काबिलकाश्त और घास भूमि को नजूल में परिवर्तित करने का आदेश जारी किया है। इस प्रकार जिले के नगरीय निकायों की आबादी एवं घास भूमि को कलेक्टर द्वारा नजूल भूमि के तौर पर घोषित किए जाने से इसका लाभ जिले की नगर पंचायतों में निवासरत लोगों को मिलेगा।
जिला कार्यालय की नजूल शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के तहत नगर पंचायत आमदी की कुल 76 आबादी एवं घास भूमि को नजूल घोषित किया गया है, जिसका कुल रकबा 75.570 हेक्टेयर है। इसमें 9 आबादी भूमि जिसका कुल रकबा 28 हेक्टेयर है और 67 घास भूमि जिसका रकबा 47.57 हेक्टेयर है, को नजूल भूमि घोषित की गई है।
इसके अलावा नगर पंचायत मगरलोड की कुल 49 आबादी एवं घास भूमि को नजूल घोषित किया गया है, जिसका कुल रकबा 38.58 हेक्टेयर है। इसमें 25 आबादी की 19.37 हेक्टेयर और 24 घास भूमि का 19.21 हेक्टेयर भूखण्ड शामिल है। मगरलोड के भैंसमुण्डी की कुल 44 आबादी एवं घास भूमि को नजूल घोषित किया गया है, जिसका कुल रकबा 89.61 हेक्टेयर है, जिसमें 07 आबादी भूमि का 19.51 हेक्टेयर और 37 घास भूमि का 70.10 हेक्टेयर रकबा सम्मिलित है।
ज्ञात हो कि इससे भूमिस्वामी द्वारा पट्टे से प्राप्त भूमि का क्रय-विक्रय किया जा सकेगा तथा वह बैंक से ऋण प्राप्त कर सकेगा। इसके अलावा जमानतदार के तौर वह पट्टा प्रस्तुत कर सकता है, साथ ही अपने स्थल का भू-अधिकार प्राप्त कर सकता है। इससे शासन को राजस्व की प्राप्ति होगी, साथ ही राजस्व रिकॉर्ड का शुद्धिकरण भी होगा।
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