छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज बिलासपुर । जिले के कोटा जनपद पंचायत अंतर्गत सरहदी के नवीन ग्राम पंचायत रमदेई की सरपंच श्रीमती सीमा देवी जायसवाल के द...
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बिलासपुर । जिले के कोटा जनपद पंचायत अंतर्गत सरहदी के नवीन ग्राम पंचायत रमदेई की सरपंच श्रीमती सीमा देवी जायसवाल के द्वारा पंचायत कार्यों में मनमानी व जेठ पुत्र द्वारा हस्तक्षेप करने संबंधित शिकायत लेकर यहां के पंचों प्रताप सिंह, रमेश कुमार मरकाम, श्रीमती कलेश्वरी श्याम, प्रभादेवी श्याम द्वारा लगभग डेढ़ सौ ग्रामीणों जिनमे श्रीमती जानकी बाई, महेतरीन, बिरसिया बाई, रमशीला, बुंदकुंवर, पांचोबाई, धीरसाय, रामफल, रामभवन, सनत कुमार, बंधन, चंद्रिका, हरिचंद सहित अन्य का हस्ताक्षरमय शिकायतपत्र गत 26 अक्टूबर 2021 को जनपद सीईओ को देकर जांच का मांग किया गया था।
जिस शिकायत की जांच में बीते 21 दिसंबर को जांच अधिकारी की टीम रमदेई पंचायत भवन पहुँची जहां सरपंच- सचिव व पंचों एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में गहमा- गहमी माहौल के बीच टीम द्वारा शिकायतकर्ताओं का बयान कलमबद्ध कर व कार्यवाही रजिस्टर जब्ती के साथ जांच की प्रक्रिया पूर्ण की गई। इस दौरान अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सरपंच द्वारा बेबुनियाद बता एक सिरे से खारिज किया जाता रहा। पंचों द्वारा सरपंच के विरुद्ध जो शिकायत पत्र सीईओ को सौंपा गया उसमें महिला सरपंच श्रीमती सीमा देवी जायसवाल के स्थान पर उसके जेठ पुत्र संदीप जायसवाल द्वारा सरपंच प्रतिनिधि बनकर सरपंच का हस्ताक्षर सहित समस्त पंचायती कार्यों में हस्तक्षेप किया जाना।
जेठ पुत्र द्वारा बिना सचिव उपस्थिति के सरपंच के स्थान पर स्वयं पंचायत बैठक आयोजित करना तथा सरपंच प्रतिनिधि के तौर पर ग्राम में संचालित शालाओं का निरीक्षण करना। सरपंच द्वारा बिना मुनादी कराए नियम को ताक पर रखकर मनमानी पूर्वक महिला मेट की नियुक्ति कर देना। प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर का दो सौ रुपए वसूल किया जाना। गौठान निर्माण हेतु ग्रामवासियों द्वारा स्थल चयन के बाद भी उनके बिना सहमति प्राथमिक- माध्यमिक शाला, आंगनबाड़ी, पंचायत कार्यालय भवन के बीचो- बीच खेल मैदान में गौठान का निर्माण कराना। जिसके निर्माण से भविष्य में उप स्वास्थ्य केंद्र, बाजार शेड निर्माण, साप्ताहिक बाजार, हाथकरघा भवन, सामुदायिक भवन जैसे निर्माण के लिए जगह नही बच पाना व रोजगार सहायक की अनुपस्थिति में गौठान का मनमर्जी पूर्वक कार्य कराया जाना संबंधित शिकायत पत्र में उल्लेख है।
जबकि जांच के दौरान सरपंच ने इन तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया तथा सभी को एक सिरे से खारिज किया है और उनका कथन था कि पंचायत के किसी भी कार्य को कराने हेतु निर्णय लेने का उन्हें स्वयं अधिकार है, ग्रामीणों के हिसाब से वह कार्य नही करेगी। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच की मनमानी चरम पर है, जहां पंचायत फंड की राशि का भी सचिव कुमार सिंह के साथ मिलकर बेखौफ दुरुपयोग किया जा रहा है। जिस पर भी उचित जांच एवं कार्यवाही की आवश्यकता है।
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