छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज बिलासपुर। जिले में तेज रफ्तार ट्रैक्टर की चपेट में आने से पिछले छह साल में 30 लोगों की जान चली गई है। करीब 70 घायल हो...
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बिलासपुर। जिले में तेज रफ्तार ट्रैक्टर की चपेट में आने से पिछले छह साल में 30 लोगों की जान चली गई है। करीब 70 घायल हो चुके हैं। ज्यादातर हादसा गिट्टी, मुरुम, रेत समेत अन्य माल ढोने वाले ट्रैक्टर से हुआ है। आबादी इलाकों में ट्रैक्टर के प्रवेश पर कोई रोक-टोक नहीं रहता है। चालक की लापरवाही से लोग दुर्घटना के शिकार हुए हैं। परिवहन विभाग में गांवों में चलने वाले अधिकांश ट्रैक्टरों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया जाता है।
बिना परमिशन के ट्रैक्टर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यही हाल शहर में भी है। किसी भी समय ट्रैक्टर आबादी क्षेत्र में घुस जाता है। ट्रैक्टर पर रोक लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जाता है। दूसरी ओर सरकारी रिकार्ड में ट्रैक्टरों का उपयोग सिर्फ कृषि कार्य में करने का नियम है। कृषि कार्य में उपयोग भी होता है, लेकिन कृषि का काम खत्म होने के बाद रेत, गिट्टी, मुरुम, ईंट समेत अन्य भारी माल परिवहन करने में उपयोग किया जा रहा है।
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बिना बीमा के सड़क पर वाहनों का परिचालन मना है। इसलिए कंपनी बीमा के साथ ट्रैक्टर बिक्री करते हैं। एक साल तक बीमा रहता है। इसके बाद वाहन मालिक दोबारा बीमा करवाने में रुचि नहीं दिखाते हैं। वहीं मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बिना नंबर प्लेट को वाहन चलाने का नियम नहीं है। लेकिन अधिकांश वाहनों से नंबर प्लेट गायब रहता है।संपादक
प्रदीप गंजीर रायपुर (छग)
मो. 9425230709
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