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साहू समाज परिक्षेत्र मगरलोड में वार्षिक अधिवेशन में शमिल हुए - श्रीमती लक्ष्मीकांता हेमंत साहू

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज मगरलोड । परिक्षेत्र साहू समाज मगरलोड के वार्षिक अधि वेशन में मुख्य अतिथि श्रीमती लक्ष्मीकांता हेमंत साहू, अध्यक्षता ...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

मगरलोड । परिक्षेत्र साहू समाज मगरलोड के वार्षिक अधि वेशन में मुख्य अतिथि श्रीमती लक्ष्मीकांता हेमंत साहू, अध्यक्षता जीवनलाल साहू परिक्षेत्र अध्यक्ष मगरलोड, विशिष्ट अतिथि गोविंद साहू ,यशवंत साहू,जगदीश साहू,शुशीला साहू , डोमार साहू,तोषण साहू, शत्रुघ्न साहू, युवराज साहू, एम आर साहू, आत्माराम साहू के आतिथ्य में मुख्यतिथि श्रीमती लक्ष्मीकांता हेमंत साहू ने वार्षिक सम्मेलन की बधाई देते कहा कि मैं अपने आपको गौरांवित महसूस करती हु की मैं छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के प्रथम अध्यक्ष स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पूर्व विधायक कुरूद स्वर्गीय ताराचंद साहू की नाती बहु हू। जिनके अध्यक्षीय कार्यकाल में प्रदेश साहू संघ का पंजीयन हुआ व विधिवत छत्तीसगढ़ साहू संघ अस्तित्व में आया, व मगरलोड क्षेत्र दादा जी  की मातृभूमि व कर्मभूमि है।

मैं समाज जनों से निवेदन चाहूंगी किसी भी व्यक्ति संगठन समाज को यदि आगे बढ़ना है,

तो उनका एक विजन हो , नीति निर्धारण हो, और उस पर हम अमल करे तो हमे अपनी लक्ष्य प्राप्ति करने से कोई नही रोक सकता।

उदाहरण के रूप में उस समय काल में हमारे दादा जी ने आदर्श विवाह हेतु कार्यक्रम बनाया व उसे कार्यरूप में परिणत किया जिसका परिणाम आज पूरे प्रदेश में हमारा साहू समाज शृंखला बद्ध  कार्यक्रम चलाकर आदर्श स्थापित किया है। जो आज के समयकाल में प्रासंगिक है व प्रशंसनीय है। हमे इस मंच के माध्यम से उपदेश देने की आवश्यकता नहीं है अपितु हमारे समाज प्रमुख जन , बड़े बुजुर्गो ने

जो हमे राह दिखाया है उस पर चलने की आवश्यकता है। आगे श्रीमती साहू ने प्रसिद्ध समाज सुधारक अरस्तू के कथन को याद करते हुए कहा की मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है , समाज में जन्म लेता है , समाज के लिए जीता है व समाज के लिए मर जाता है अर्थात इस पृथ्वी पर सारे प्राणियों में मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो सामाजिक रीति नीति के मर्यादा व बंधन में श्रेष्ठ समाज की स्थापना करता है। 

मैं समाज प्रमुखों से निवेदन चाहूंगी समाज को गंगा की उपाधि से अलंकृत किया गया है। उसी मां गंगा की तरह हम न्याय करे। अत्यधिक दंड व सामाजिक बहिष्कार से बचे। भेदभाव पूर्ण न्याय से बचे।निष्कलंक न्याय हो। समाज हित में खुद का पैसा लग जाए लेकिन समाज का एक रुपया भी हम गफलत न करे ।

ये सबसे बड़ा पाप होगा जिसे मां गंगा मैय्या भी न धो सके है।

तभी हम श्रेष्ठ समाज की रचना कर मां कर्मा के सम्मान को और उचाइयो पर ले जा सकते है। मैं छत्तीसगढ़ साहू समाज की चहुमुखी प्रगति की प्रसंशा करती हु की आज हमारे सामाजिक बंधुगन कृषि, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सभी क्षेत्रों में अपना लोहा मनवाया है। 

सिर्फ एक क्षेत्र में हम पिछड़े हुए है तो वह है राजनीति का क्षेत्र । चुकी छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के बाद हमारा साहू समाज दूसरा सबसे बड़ा समाज है इसलिए स्वाभाविक रूप से विधान सभा व संसद में हमारी बहुल्यता दिखनी चाहिए इसके लिए भी हमे गंभीर मंथन की आवश्यकता है।

       संपादक

प्रदीप गंजीर रायपुर (छ.ग)

माे. 9425230709

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