छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज मार्च के अंत और अमूमन अप्रैल के शुरुआती हफ्तों में देश में चिकनपॉक्स संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी रिपोर्ट की जाती है...
छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज
मार्च के अंत और अमूमन अप्रैल के शुरुआती हफ्तों में देश में चिकनपॉक्स संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी रिपोर्ट की जाती है। चिकनपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, और यह मौसम इस वायरस के बढ़ने के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। चिकनपॉक्स को देश के कुछ हिस्सों में ‘छोटी माता’ के नाम से भी जाना जाता है। वैरिकाला-जोस्टर वायरस के कारण यह समस्या होती है, इसका कोई इलाज नहीं है। चिकनपॉक्स को रोकने में वैक्सीन को 90 प्रतिशत तक असरदार माना जाता है। चिकनपॉक्स के कारण शरीर पर दाने या छाले हो जाते हैं जिनमें काफी खुजली और जलन की समस्या हो सकती है।यदि आपको चिकनपॉक्स हो जाता है, तो उपचार में लक्षणों का प्रबंधन करना शामिल है, शरीर स्वयं इस वायरस को समय के साथ अप्रभावी कर देता है। यही कारण है कि इसमें अक्सर कोई भी दवा न खाने की सलाह दी जाती है। यह रोग बच्चों को अधिक प्रभावित करता है। कुछ उपाय चिकनपॉक्स संक्रमण के दौरान और इससे बचाव में काफी मददगार हो सकते हैं। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देकर इस वायरल संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में जानते हैं।
चिकनपॉक्स की समस्या
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के विशेषज्ञों के मुताबिक चिकनपॉक्स एक अत्यधिक संक्रामक रोग है। इससे संक्रमितों को छाती, पीठ और चेहरे पर दाने या छाले हो सकते हैं। संक्रमण बढ़ने पर दाने पूरे शरीर में फैल जाते हैं। विशेष रूप से शिशुओं, किशोरों, वयस्कों, गर्भवती महिलाओं में इस संक्रमण का खतरा अधिक होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक जिनमें रोगाणुओं और बीमारी से लड़ने की क्षमता कम (कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली) होती है, उनमें संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। चिकनपॉक्स से बचाव का सबसे अच्छा तरीका चिकनपॉक्स का टीका लगवाना है।
चिकनपॉक्स के क्या लक्षण होते हैं?
सीडीसी के मुताबिक चिकनपॉक्स की समस्या में शरीर पर दाने और छाले हो जाते हैं। ये दाने खुजली, द्रव से भरे फफोले में बदल जाते हैं। दाने पहले छाती, पीठ और चेहरे पर दिखाई दे सकते हैं और फिर संक्रमण बढ़ने के साथ मुंह, पलकों या जननांग सहित पूरे शरीर में फैल सकते हैं। आमतौर पर संक्रमण ठीक होने में एक सप्ताह तक का समय लग सकता है। शरीर पर दानों के साथ बुखार, थकान, भूख में कमी और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
चिकनपॉक्स का इलाज
चिकनपॉक्स का संक्रमण अपने समय पर स्वत: ठीक हो जाता है, आमतौर पर इसमें डॉक्टर घरेलू उपायों को प्रयोग में लाने की ही सलाह देते हैं। कैलामाइन लोशन और एडेड बेकिंग सोडा, ओटमील बाथ आदि से खुजली से राहत मिल जाती है। वायरस को दूसरों तक फैलने से रोकने और त्वचा के संक्रमण को रोकने में मदद करने के लिए नाखूनों को छोटा रखने और खरोंच कम करने की कोशिश करें। यदि आप गलती से किसी छाले को खरोंचते भी हैं तो अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से जरूर धोएं।
चिकनपॉक्स से बचाव के लिए क्या करें?
चिकनपॉक्स से बचाव के लिए टीका लगवाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। चिकनपॉक्स के टीके की दो खुराक आपको संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती है। यदि टीका लगाए गए व्यक्ति को चिकनपॉक्स हो भी जाता है, तो लक्षण आमतौर पर कम या हल्के होते हैं। संक्रमण के दौरान आहार का विशेष ध्यान रखें, इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का अधिक सेवन करने से लाभ मिलता है। संक्रमण के दौरान तरल चीजों, जूस और पानी पीते रहें।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
संपादक
प्रदीप गंजीर रायपुर (छ.ग)
मो.9425230709
No comments