छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज कुरुद:- रविवार को नगर के अब्दुल कलाम गार्डन में नगर के जनप्रतिनिधियों ने सभी मजदूरों के साथ पारंपरिक बासी ,चटनी प्या...
छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज
कुरुद:- रविवार को नगर के अब्दुल कलाम गार्डन में नगर के जनप्रतिनिधियों ने सभी मजदूरों के साथ पारंपरिक बासी ,चटनी प्याज खाकर मजदूर दिवस मनाया।आज नगर पंचायत सभापति मनीष साहू,जिला महामंत्री प्रमोद साहू,प्रदेश विधि विभाग उपाध्यक्ष रमेश पांडेय, युकां विधानसभा अध्यक्ष व पार्षद देवव्रत साहू, ब्लॉक महामंत्री देवचरण साहू, जिला ओबीसी महामंत्री सन्तोष प्रजापति,जिला ओबीसी महामंत्री व जिला मीडिया प्रभारी मुकेश कश्यप, अधिवक्ता लिपिक प्रदीप साहू,अलख कंवर ने पारंपरिक बासी खाकर मजदूर दिवस मनाया।
सभी ने मजदूर दिवस की बधाई देते हुए छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को बढ़ -चढ़कर आगे बढ़ाने वाले प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की तारीफ की।वे बोरे बासी विलुप्त होती छत्तीसगढ़ की खानपान परंपरा को जीवंत करने का प्रयास कर रहे हैं।भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ी परंपरा, रीति रिवाज, त्योहारों को पूर्णतया जीवित किया | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस आभार एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयास से आम छत्तीसगढ़िया में उत्साह का माहौल है छत्तीसगढ़िया लोगो का मानना है कि प्रदेश में छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी संस्कृति परंपरा और त्योहारों बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण हमेशा जाकर रहे हैं |
मुख्यमंत्री के आव्हान पर संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज से मजदूर दिवस के अवसर पर संस्कृति विभाग के परिसर स्थित गढ़ कलेवा में ‘बोरे बासी थाली’ का शुभारंभ करने होने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बोरे बासी रात में पके हुए चावल को रातभर पानी में भिगोकर सुबह पूरी तरह भीग जाने पर भाजी, टमाटर चटनी, टमाटर-मिर्ची की चटनी, प्याज, बरी-बिजौरी एवं आम-नींबू के आचार के साथ मजे से खाया जाता है।बोरे बासी स्वास्थ्यगत दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है, इसमें विटामिन बी-12 की प्रचूर मात्रा के साथ-साथ ब्लड और हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने का भी काम करता है।
बोरे बासी में आयरन, पोटेसियम, कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है। इसे खाने में पाचन क्रिया सही रहता है एवं शरीर में ठंडकता रहती है। छत्तीसगढ़ के किसान मजदूरों के साथ-साथ सभी वर्गों के लोग चाव के साथ बोरे बासी का सेवन करते आ रहे हैं। आधुनिकता और भाग-दौड़ भरी जिन्दगी तथा जागरूकता के अभाव में इसके खान-पान में जरूर कमी आई है, लेकिन छत्तीसगढ़ी खान-पान का प्रचार-प्रसार इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए बेहतर उपाय होगा।
इस अवसर पर मजदूर भाई झाड़ू राम साहू खैरा,हुलेश साहू खैरा,तेजेंद्र नगारची खैरा,संत राम साहू खैरा, केशव राम साहू खैरा, रमेश सिन्हा चर्रा, बसी लाल साहू भांठागाँव,भवानी साहू भांठागांव आदि उपस्थित थे,यह जानकारी ओबीसी कांग्रेस जिला महामंत्री मुकेश कश्यप ने दी।
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