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मंगलवार को होलिका दहन बुधवार को होली, जाने शुभ मुहूर्त

  छत्तीसगढ़ कौशल न्युज सत्तू पटेल भाटापारा:- होली का त्योहार लगभग हर जगह धूमधाम से मानाया जाता है। यह रंगों का त्योहार होने के साथ ही साथ दि...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्युज

सत्तू पटेल भाटापारा:- होली का त्योहार लगभग हर जगह धूमधाम से मानाया जाता है। यह रंगों का त्योहार होने के साथ ही साथ दिलों को जोडऩे वाला भी त्योहार है। जहां एक ओर लोग-एक -दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर सारी कड़वाहट को मिटाकर एक दूसरे के गले लगते हैं। अपनों के साथ रंगो से खलने की खुशी और स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ हर किसी में उत्साह जगा देता है। होली में हर जगह रौनक दिखाई देती है। पर्व और त्योहार हमारे संस्कृति के आधार तथा जीवन व्यवहार है,जीवन को एक नयी उमंग प्रदान करनें वाले हमारे त्यौहार हमें महज उत्साह ही प्रदान नहीं करते वरन आपसी आत्मीयता वृद्धि के कारक भी होतें है,ऐसे ही परम उल्लास और आत्मीयता के प्रतीक होली का आगमन हो रहा है,जिसकी तैयारी को लेकर सभी उम्र के लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। भारतीय पर्व त्यौहार शास्त्र सम्मत एवं काल घड़ियों की गणना पर आधारित होती है,जिसकी व्याख्या शास्त्र के मर्मज्ञों द्वारा की जाती है,तथा बताया जाता है कि किस घड़ी में क्या योग है एवं मानव जीवन के लिए कैसा प्रभावकारी है,इसी कड़ी में शास्त्र मर्मज्ञों का कहना है कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7मार्च को 6:24से रात 8:51तक फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6मार्च सोमवार को शाम 4:17बजे शुरु होगी,पूर्णिमा तिथि का समापन 7मार्च मंगलवार को शाम 6:09बजे होगा,दोनों ही दिन प्रदोष काल पूर्णिमा तिथि में रहेगा,ऐसे में इस साल होलिका दहन की तिथि पर सुबह के समय भद्रा रहेगी,अतः होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7मार्च को शाम 6:24बजे से रात 8:51तक रहेगा। 

शास्त्रो के अनुसार ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन में शामिल होने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, समस्त कष्टों का निवारण होता है।होलिका दहन के बाद उसकी भस्म की टीका पुरूषो द्वारा अपने माथे पर और स्त्री अपने गर्दन में लगाये तो उसे किसी महत्वपूर्ण कार्य में जाते समय सफलता मिलती है और धन संपत्ति में भी वृद्धि होती है । ऐसी भी मान्यता है कि रात में या अगले दिन सुबह होली की अग्नि और राख को घर में लाने से परिवार के सभी सदस्यों की नज़र ( टोटके) अशुभ शक्तियों से रक्षा होती है। होली के दिन चाँदी की डिबिया खरीद कर उस नई चांदी की डिबिया में होली की भस्म लेकर उसे घर के मंदिर अथवा तिजोरी में रखने से पूरे वर्ष आरोग्य और सुख – सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

होलिका दहन में एरंड और गूलर की लकड़ी का इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन होली में आम की लकड़ी को जलाना अशुभ माना जाता है।

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