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कलीराम चन्द्राकर पब्लिक स्कूल कुरुद में हरेली महोत्सव पर छत्तीसगढ़ लोकसंस्कृति की बिखरी छटा, छात्रपरिषद का हुआ शपथ ग्रहण

  छत्तीसगढ़ कौशल न्युज कुरुद:- नगर की शैक्षणिक संस्था कलीराम चन्द्राकर पब्लिक स्कूल कुरुद में शनिवार को हरेली महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर ...

 


छत्तीसगढ़ कौशल न्युज

कुरुद:- नगर की शैक्षणिक संस्था कलीराम चन्द्राकर पब्लिक स्कूल कुरुद में शनिवार को हरेली महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए।

       कार्यक्रम की पहली कड़ी के रूप में प्री-प्रायमरी के बच्चों द्वारा आकर्षक ग्रीन ड्रेस के शानदार प्रेजेंटेशन ने कार्यक्रम की मोहकता को बढ़ाया। वहीं कक्षा पहली व दूसरी के बच्चों ने हरे-भरे मनमोहक फैंसी ड्रेस व मोहक मुस्कान से सबका दिल जीत लिया।

कक्षा तीसरी व चौथी के बच्चों के लिए ग्रीन फूड कॉम्पिटिशन हुआ,जिसमें बच्चों के द्वारा शानदार प्रस्तुति ने मन मोह लिया। इसी क्रम में पांचवी व छटवी के बच्चों द्वारा भगवान शिवजी की मनमोहक शिवलिंग व उनके श्रृंगार के रचनात्मक आर्ट ने सबका ध्यान खींचा।
वहीं सातवी-आठवी के बच्चों ने पारम्परिक छत्तीसगढी व्यंजनों को सजाकर लोकसंस्कृति की बहार में चार चांद लगा दिया।इसी तरह सातवी-आठवी के बच्चों ने गेड़ी दौड़ में अपने शानदार प्रदर्शन से सबको मोहित कर दिया।

          मंचीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रबंधक विश्वनाथ चन्द्राकर,उप प्रबंधक योगेश चन्द्राकर, प्राचार्य के. मन्जिता ठाकुर, चंद्रिका मांझी आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का श्री गणेश किया।मंचीय उद्बोधन में प्राचार्य श्रीमती के मन्जिता ठाकुर ने हरेली पर्व की हार्दिक बधाई देते हुए छात्र-छात्राओं को जीवन को हराभरा बनाने व रचनात्मकता द्वारा अपने सपने को पहचान दिलाने की बात पर जोर दिया। ततपश्चात विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी रहे छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया। साथ ही विगत दिनों छात्रसंघ चुनाव के तहत चुने गए छात्र परिषद का शपथ ग्रहण व सम्मान भी हुआ।

कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में कक्षा आठवीं की प्यारी बेटियों ने छत्तीसगढ़ के पारम्परिक हरेली लोकगीत "आगे आगे हरेली तिहार" की मनभावन प्रस्तुति देकर समा बांधा। वहीं नन्हे-मुन्हे बच्चों ने रीमिक्स गाने द्वारा सावन की रिमझिम झलक की खूबसूरती का अहसास कराया।हिंदी के व्याख्याता मुकेश कश्यप ने बच्चों को हरेली पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रतिवर्ष सावन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को छत्तीसगढ़ का प्रथम पर्व हरेली पर्व मनाया जाता है।सावन मास की कृष्ण आमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है।हरेली पर्व हमारी छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति की मोहकता का श्रृंगार है।इसी पर्व के साथ ही हमारे प्रदेश में पर्वों को मनाने की शुरुआत होती है।उन्होंने छत्तीसगढी गीत "सावन महीना घटा घनघोर" के माध्यम से हरेली पर्व की महत्ता को प्रस्तुत कर सबका दिल जीत लिया।
अंत मे छत्तीसगढ़ के राजगीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।कार्यक्रम को सफल बनाने में सांस्कृतिक प्रभारी रेखा सिन्हा व उनकी टीम,छात्रसंघ प्रभारी शिक्षक तेजस्वी बैरागी व उनकी टीम सहित सभी प्रभारी शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा। मंच संचालन करन सिन्हा,वाणी चन्द्राकर व मुकेश कश्यप ने किया। आभार प्रदर्शन हेमन्त सोनी ने किया।इस दौरान बडी संख्या में छात्र-छात्राएं व शिक्षक स्टाफ उपस्थित रहे। यह जान कारी विद्यालय के प्रचार-प्रसार प्रभारी मुकेश कश्यप ने दी।

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