Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग :

latest

राकेश अचल 'लोकजतन सम्मान' से अभिनंदित, शैली स्मृति व्याख्यान में "देश की एकता पर खतरे" पर हुआ विमर्श

  छत्तीसगढ़ कौशल न्युज mp ग्वालियर। एक भव्य और गरिमामयी समारोह में वरिष्ठ पत्रकार राकेश अचल को पांचवे 'लोकजतन सम्मान' से अभिनंदित क...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्युज

mp ग्वालियर। एक भव्य और गरिमामयी समारोह में वरिष्ठ पत्रकार राकेश अचल को पांचवे 'लोकजतन सम्मान' से अभिनंदित किया गया। 'लोकजतन' के संस्थापक सम्पादक शैलेन्द्र शैली के जन्मदिन पर प्रखर, निर्भीक और सचमुच की पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को यह सम्मान दिया जाता है। वरिष्ठ पत्रकार सुरेश सम्राट की अध्यक्षता में हुए सम्मान समारोह में वरिष्ठ शायर और समीक्षक वकार सिद्दीकी तथा प्रसिद्ध कहानीकार महेश कटारे ने राकेश अचल को सम्मान प्रतीक भेंट किया। 

इस अवसर पर बोलते हुए सम्मानित पत्रकार राकेश अचल ने पढ़ने-लिखने की आदत डालने में शैलेन्द्र शैली के योगदान को याद किया और कहा कि आज ऐसे लोग बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब सवाल पूछने पर रोक लगाई जा रही हो, इस तरह के सम्मान शक्ति और हौंसला बढ़ाते हैं। इसके लिए उन्होंने उपस्थित सुधि जन तथा अपने पाठकों के प्रति भी आभार व्यक्त किया । 

इसी के साथ आज से लगातार पखवाड़े भर तक चलने वाली शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान माला की शुरुआत देश के जाने माने पत्रकार कुरबान अली ने की। "आजादी के 75 वर्ष : भारत की एकता पर मंडराते खतरे, जिम्मेदार कौन?" विषय पर दिए अपने सारगर्भित ब्व्याख्यान में उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि आज की हालात के लिए जिम्मेदार हम सब हैं। भारतीय इतिहास और समाज के विकास के 5 हजार वर्ष के इतिहास का आम तौर से और 1857 के बाद के समसायिक इतिहास का खासतौर से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिन मूल्यों और उनके लिए किये गए जनता के संघरषों के आधार पर भारत, भारत बना है, उन्ही को उलटा जा रहा है। ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ अपनी बात स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने धर्म के आधार पर राष्ट्र बनाने का रास्ता नहीं चुना ; धर्म के आधार पर कोई राष्ट्र न बन सकता है, न चल सकता है -- इस संदर्भ में पाकिस्तान का उदाहरण उन्होंने दिया। उन्होंने कहा कि आज के हुक्मरान जो कर रहे हैं, वह असल में भारत की अवधारणा का निषेध है। इसलिए यदि देश की एकता और भारत की अखण्डता बचानी है, तो घर से निकलकर सडकों पर उतरना होगा, अपने बच्चों को जहर से बचाना होगा, भारत के इतिहास खासकर आजादी की लड़ाई के इतिहास के बारे में बताना होगा। इस संबंध में शिक्षा के महत्त्व को भी उन्होंने रेखांकित किया। व्याख्यान के बाद अनेक प्रश्न भी पूछे गए, जिनके उत्तर भी कुरबान अली ने दिए।

कार्यक्रम की शुरुआत में आयोजन परिचय तथा राकेश अचल को सम्मानित करने के बारे में 'लोकजतन' सम्पादक बादल सरोज ने जानकारी रखी। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. सुरेश सम्राट ने शैली को याद किया और उनकी असाधारण योग्यता के बारे में बताया। उन्होंने सम्मानित पत्रकार राकेश अचल की बहुआयामी खूबियों पर भी प्रकाश डाला। आभार प्रदर्शन 'लोकजतन' के पूर्व सम्पादक जसविंदर सिंह तथा संचालन लोकजतन के प्रबंधक सुरेन्द्र जैन ने किया।



No comments