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कुरूद में आज से पांच दिवसीय श्री रामकथा का शुभारंभ

  छत्तीसगढ़ कौशल न्युज कुरुद:-  कुरुद में आयोजित में पांच दिवसीय रामकथा का शुभारंभ बुधवार से हो गया है। सुबह मा चंडी की पूजा अर्चना करते हु...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्युज

कुरुद:- कुरुद में आयोजित में पांच दिवसीय रामकथा का शुभारंभ बुधवार से हो गया है। सुबह मा चंडी की पूजा अर्चना करते हुए मंदिर परिसर से प्रभा भव्य कलश यात्रा पूरे नगर में बाजे गाजे एवं धूम धड़ाके के साथ निकाली गई। इस ऐतिहासिक और विशाल कलश यात्रा में हजारों महिलाओं ने कलश धारण कर पीत जिसका विभिन्न संघ, संगठनों वस्त्र धारण कर पूरे नगर को भक्तिमय रंग से सराबोर कर दिया।

      19से 23जुलाई तक कुरुद के पुरानी मंडी प्रांगण में श्री रामकथा एवं शिव रुद्राभिषेक का भव्य आयोजन किया गया है। चंडी मन्दिर में आयोजकों द्वारा पूजा अर्चना कर बाजे गाजे के साथ आतिशबाजी करते हुए विशाल कलश व शोभायात्रा निकाली। जिसका स्वागत विभिन्न समाज, एवं संगठनों द्धारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। कलश यात्रा चंडी मंदिर से थाना चौक, पुराना बाजार, सरोजनी चौक, कारगिल चौक होते हुए तहसील रोड, एवं सिरसा चौक, सूर्यनमस्कार चौक से वापस कार्यक्रम स्थल पहुंची।

               श्री राम कथा महोत्सव में कथावाचक जगतगुरु रामस्वरूपाचार्य ने कहां की भगवान की कथा को भाव और श्रद्धा के साथ सुनना चाहिए।

भगवन श्री राम अपने सच्चे श्रद्धालुओ का सदा ही भला करते हैं। इसलिए जब भी कथा सुनने जाएं विश्वास लेकर जाए संशय नहीं। उन्होंने कहा कि पद का कभी मद नहीं होना चाहिए। मद सदैव ही यश, कीर्ति और मान सम्मान का नाश कर देता है। मान सम्मान पद से नही बल्की विनम्र रहने और सम्मान देने से मिलता है।

            आचार्य जी ने पुरूषोत्तम मास में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कथा सुनने के लिए श्रोताओं को बहुत ही भाग्यशाली बताते हुए राम राम की महिमा और भक्ति की शक्ति का वर्णन किया। उन्होंने बताया की गुरु साधु संतो के बताएं भक्ति मार्ग पर चलने से ही मीराबाई को भगवान श्री कृष्ण के दर्शन प्राप्त हुए। सत्संग और हरि कीर्तन से ही कबीर दास को प्रभु दर्शन और भक्ति ज्ञान मिला। सत्संग से ही मुक्ति की दिशा मिली। उन्होंने कहा की रामकथा का वक्त और श्रोता दोनो को सच्चे मन में कथा कहनी एवं सुननी चाहिए तभी प्रभु दर्शन प्राप्त हो सकते है। 

                  कार्यक्रम में प्रभातराव मेघावाले, रमेश केला, रजत चंद्राकर, कांति सोनवानी प्रहलाद चंद्राकर, खिलेंद्र चंद्राकर, रमेशर साहु, रमाकांत चंद्राकर, रामेश्वर प्रसाद सिन्हा सिर्री ,विनोद केला, सत्तू साहु, गीताराम सिन्हा, राखी तपन चंद्राकर, ईश्वरी तारक ,सुमन साहू संध्या साहू ,सूर्या देवांगन, त्रिवेणी साहु, टीकेश्वरी मारकंडे आदि श्रद्धालुओ ने रामकथा की गंगा में डुबकी लगाने पहुंची।

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