Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग :

latest

गरियाबंद में फिर शुरू हुआ अवैध रेत खदानों का काला खेल,, खनिज विभाग की मिली भगत से आदर्श आचार संहिता में भी चल रहा सरकड़ा,कुकदा में धड़ल्ले से अवैध रेत उत्खनन,,

गरियाबंद/पांडुका: - अवैध उत्खनन को लेकर हाईकोर्ट के फटकार के बाद राज्य शासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाकर अब स्वयं गरि...



गरियाबंद/पांडुका:
- अवैध उत्खनन को लेकर हाईकोर्ट के फटकार के बाद राज्य शासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाकर अब स्वयं गरियाबंद जिला प्रशासन अब रेत माफियाओ को संरक्षण देने में लगा हुआ है जबकि पूरे प्रदेश में आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनावो को लेकर पूरे प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है जिससे जिले के हर अंतिम छोर में पुलिस प्रशासन के साथ निगरानी दल की कड़ी निगरानी आने जाने वाले वाहनों पर भी है पर इसके बावजूद सरकड़ा रेत खदान और कुकदा रेत खदान में अवैध उत्खनन जोरो शोरो से दिन रात चल रहा है जिससे रोजाना सैकड़ो हाइवा गाड़िया भरकर अवैध रेत परिवहन करते नज़र आ रहे है,,वही यह पूरा काला कारोबार गरियाबंद जिला प्रशासन के नाक के नीचे खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फल फूल रहा हैजिससे रोजाना राज्य शासन को लाखों रुपये के राजस्व का चूना रेत माफिया लगा रहे है,,

दोनो संचालित अवैध रेत खदानो में है क्षेत्रीय जनपद पंचायत सदस्य का संरक्षण,,,

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकड़ा रेत खदान और कुकदा रेत खदान संचालन में क्षेत्रीय जनपद सदस्य जो जनपद पंचायत में सभापति के पद पर असिन है संरक्षण प्राप्त है,,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन सभी रेत खदानों में प्रत्येक हाइवा गाड़ी से 1000 रुपये तय राशि मिलना इस क्षेत्रीय जनपद सदस्य को तय होकर रखा हुआ है वही दूसरे रेत खदानों की शिकायत जिला प्रशासन से करके बंद करवा अपने खदान में गाड़ियों की संख्या बढ़ाने में भी इन्हें महारत हासिल है,,वही अगर बात करे तो इन्हें क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि का करीबी होने का फायदा भी इन अवैध रेत खदानों में संचालित करना काफी आसान कर देता है,,,रोजाना लाखो रुपये बैठे बिठाये मिल जाने से यह क्षेत्रीय जनपद पंचायत सदस्य नदियों का विनाश करके अपना विकास करने में आमदा होता दिख रहा है,,, वही इस जनपद सदस्य के सामने जिला प्रशासन भी नतमस्तक होने से पीछे नही हट रही है,,,

अवैध रेत खदानों को सील करने के बजाय 2 3 अवैध परिवहन करने वाले गाड़ियों पर कार्यवाही करके करते है कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति,,,

खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलिभगत होने का अंदेशा इसी बात से ही लगाया जा सकता है कि अवैध रूप से संचालित हो रहे इन रेत खदानों पर कार्यवाही करने के बजाय सिर्फ अवैध रेत परिवहन कर रहे मात्र 1या 2गाड़ियों को जुर्माना कार्यवाही करके कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है जबकि बाजू में संचालित हो रहे इन अवैध रेत खदानों में चैन माउंटेन पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जाती है,,जबकि 4 महीनों से खराब पड़े चैन माउंटेन पर चालानी कार्यवाही कर दीं जा रही है जिससे जिले के खनिज अधिकारी और खनिज इंस्पेक्टर की भूमिका संदेहास्पद नज़र आ रही है,,,जिससे मोटी कमाई करके अफसर रोजाना शासन प्रशासन की लाखों रुपये के राजस्व की चपत लगाने में रेत माफियाओ का साथ दे रहे है,,अब देखना यह होगा कि यह काला कारोबार आखिर कब तक इसी तरह धड़ल्ले से संचालित होते रहता है,,,,

No comments