छत्तीसगढ कौशल न्युज धमतरी:- पानी का संरक्षण करने और उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले में जल जगार उत्सव मनाया जा रहा...
छत्तीसगढ कौशल न्युज
धमतरी:- पानी का संरक्षण करने और उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले में जल जगार उत्सव मनाया जा रहा है। नारी शक्ति से जल शक्ति के तहत आयोजित इस अभियान में जिले के विशेष जनजाति कमार आदिवासी परिवार भी पीछे नहीं रहे। पानी के गिरते हुए स्तर से चिंतित होकर कमार आदिवासी भी स्वयं की जमीन में वर्षा जल को संचित करने के लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने इसके लिए पीपरहीभर्री में तालाब, डबरी और डाइक निर्माण करने अपना कदम बढ़ा रहे हैं। जिले के वनांचल आदिवासी बाहुल्य नगरी विकासखण्ड के ग्राम पीपरहीभर्री के 36 कमार परिवारों ने वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें मिले जमीन पर जल संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में कार्य करने जुट गए हैे।
जिले में कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी की पहल पर चल रहे जल जगार उत्सव से प्रेरित होकर अन्य लोगों के साथ-साथ विशेष जन जाति कमार परिवार भी पानी संरक्षित करने आगे आ रहे है। उन्होंने इस ओर कदम बढ़ाते हुए निजी जमीन पर डबरी, तालाब तथा नाला में डाईक बनाने का काम शुरू कर दिया है। ग्राम पीपरहीभर्री के तीन कमार आदिवासी परिवार जहां मछली पालन के लिए तालाब बनाए हैं, वहीं बारिश के पानी को रोकने के लिए 10 डबरियों का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा गांव के समीप से गुजरने वाले नाला में डाईक संरचना बनाई जा रही है, जिससे पानी का स्तर ऊंचा उठे और जमीन पर नमी बनी रहे। साथ ही आसपास के बोर, नलों में वाटर रिचार्ज होती रहे।
गौरतलब है कि नाला में गड्ढानुमा संरचना बनाई जाती है तथा उसमें पानी को रोकने के लिए पॉलीथिन के आकार की संरचना बनाई जाती है, जिसे डाइक कहते हैं। नाला में डाईक बनने से पानी तो भरा रहता है, साथ ही आसपास की जमीन में नमी बनी रहती है। कमार आदिवासी परिवार वनों को हरा-भरा बनाए रखने और वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने तथा आने वाले समय में पानी की कमी से निजात पाने के लिए मुस्तैदी से जल संरक्षण की दिशा में कार्य को कर रहे हैं। बता दें कि ग्राम पीपरहीभर्री में 36 कमार आदिवासी परिवार हैं, जिनमें 113 सदस्य हैं।
No comments