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पंडरीपानी में अवैध रूप से संचालित हो रहे दर्जन भर ईंटभट्ठे..

  छत्तीसगढ कौशल न्युज  धमतरी:- जिले के आदिवासी विकास खंड नगरी क्षेत्र में इन दिनों बड़ी संख्या में अवैध तरीके से ईट भट्टे संचालित कर लाल ईंट...

 



छत्तीसगढ कौशल न्युज 

धमतरी:- जिले के आदिवासी विकास खंड नगरी क्षेत्र में इन दिनों बड़ी संख्या में अवैध तरीके से ईट भट्टे संचालित कर लाल ईंट का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है। ईंटभट्ठे से निकलने वाले काले धुएं से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है,इसके बावजूद जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह नहीं है। प्रशासन की अनदेखी के कारण नगरी एवं आसपास के गांवों में बड़े पैमाने पर ईंट भट्ठों का कारोबार लगातार बढ़ते ही जा रहा है। इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होने से ईंटभट्टा संचालकों के हौसले बुलंद हैं,इन अवैध कारोबारियों ने नियमों के विरुद्ध बिना एनओसी के ईंटभट्टों का संचालन कर सरकार के राजस्व को हानि पहुंचा रहे हैं। जबकि ईंटभट्ठे के लिए पहले खनिज विभाग व पर्यावरण से इसकी मंजूरी लेकर ईंट बनाने का कार्य किया जाना है, लेकिन इस क्षेत्र के ईंटभट्टे संचालन करने वाले लोगों के द्वारा बिना स्वीकृति के ही ईंटभट्ठे का संचालन किया जा रहा है।

बता दें कि नगरी ब्लाक के ग्राम पंडरीपानी में कई ऐसे लोग हैं जो व्यापक रूप से ईंट निर्माण कर व्यवसाय किया जा रहा है जानकारी के मुताबिक ईंट व्यवसाय करने वालों में, बीकेंद्र साहू, उमेंद्र साहू, हितेश साहू, अंकुश साहू, रामचरण साहू, रामकुमार साहू, सहित ऐसे दर्जन भर लोग हैं जो इस व्यवसाय से जुड़ कर इनके द्वारा लाल ईंट का व्यापार वर्षों से किया जा रहा है, इतना ही नहीं कृषि कार्य के नाम पर ट्रेक्टर का रजिस्ट्रेशन कराके उसका व्यवसाई करन करते हुए बिना पीट पास के ट्रेक्टर से सप्लाई किया जा रहा है,ओवरलोडिग पर रोक के लिए बनाए गए नियमों को भी ताख पर रख छोड़ा है। प्रत्येक दो हजार ईटों को 6 से 7 हजार रूपये में बेचा जा रहा है। हर वर्ष लाखों का व्यापार होता है। वह भी बिना जीएसटी बिल के, जिसके चलते केंद्र और राज्य शासन को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। ईंट बिक्री के लिए भट्ठा संचालकों के द्वारा जीएसटी बिल नहीं दिया जाता है। ज्यादातर सादा पर्चियों का उपयोग करते है। शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि यह लोग बड़े पैमाने पर शासकीय व निजी जमीन को खनन करने में लगे हुए हैं। इतना ही नहीं, उत्खनन व इनके परिवहन पर भी नियंत्रण नहीं है। नगरी ब्लाक के अंतर्गत कई ऐसे ईंटभठ्ठे संचालित किए जा रहे हैं जिनका मानक से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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