छत्तीसगढ कौशल न्युज कांकेर:- आरक्षक बंशी लाल नेताम को आज 30 मई 2024 को अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जिला कांकेर के सदस्यों द्वारा ...
छत्तीसगढ कौशल न्युज
कांकेर:- आरक्षक बंशी लाल नेताम को आज 30 मई 2024 को अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जिला कांकेर के सदस्यों द्वारा कानापोंड (लखनपुरी) में श्रद्धांजलि अर्पित किया गया, आज सुबह करीब 09.00 बजे रायपुर एयरपोर्ट में कांकेर संरक्षक और प्रदेश संयोजक रवि साहू और उनके साथ उपस्थित सदस्यों ने श्रृद्धांजली अर्पित किए, तत्पश्चात पार्थिव शरीर को अपने गृह ग्राम सिलतरा के लिए प्रस्थान किए, 12.00बजे लखनपुरी के कानापोंड ग्राउंड में श्रद्धांजलि अर्पित किया गया, जिसमें घोटूल एकेडमी के 150 बच्चे, गोंडवाना समाज के लोग, पुलिस प्रशासन के अधिकारी और जवान, मीडिया के साथीगण और आस पास गांवों से आए लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा श्रृद्धांजली देने साथ ही अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जिला कांकेर से कौशल राम सिन्हा अध्यक्ष, प्रकाश साहू उपाध्यक्ष, राजेश कुमार जैन सचिव, नुरेश गंगबेर सह मिडिया प्रभारी, पी एल प्रजापति सलाहकार (1971योद्धा) जगमोहन साहू मार्गदर्शक, टेशवर जैन संगठन सचिव, संयोग साहू कांकेर प्रभारी, पुरुषोत्तम नागवंशी चारामा प्रभारी, घनश्याम जुर्री, सी एल गावड़े, आदि संगठन के सदस्यगण उपस्थित रहें।
स्वर्गीय श्री बंशी लाल नेताम पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर कार्यरत थे, साथ ही पर्वतारोहण में भी कई रिकॉर्ड बनाएं हुऐ थे, इंद्रासन पर्वत ऊंचाई 6221मीटर,देव टिब्बा पर्वत ऊंचाई 6001 मीटर, कुन पर्वत ऊंचाई 7077 मीटर, हिमालय पर्वत आदि जगह पर भारत देश का तिरंगा फहराया हुआ था, और उनकी इच्छा थी कि माउंट एवरेस्ट फतेह करने की जिसमें वे 80%प्रतिशत कामयाबी हासिल कर चुके थे, जहां पर कुछ घटना होने के कारण वहीं पर शहीद हो गए, इसके साथ ही साइकलिंग में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, साइकिल से ही पूरे भारत देश का भ्रमण भी किया था, बॉक्सिंग में नेशनल लेवल का प्लेयर था, साथ ही घोटूल एकेडमी के माध्यम से गांवों के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निशुल्क प्रशिक्षण भी देते थे, रोज सुबह 05.00 बजे कानापोंड, लखनपुरी के ग्राउंड में साइकिल से कांकेर से 20 किलो मीटर की दूरी तय करके बच्चों को ट्रैनिंग देने और उनका भविष्य बनाने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे, कई लोग आज सेना,पुलिस, अर्द्ध सैनिक बल में उनके द्वारा ट्रेनिंग दिया हुआ बच्चे आज नौकरी कर रहे हैं।
साथ ही हमारे संगठन अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जिला कांकेर ने भी उनका कई बार सम्मान किया था, समाज में भी वे एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, साथ बच्चो के दिल में बसे हुए थे, आज का नजारा देखने लायक़ था, जब उनका पार्थिव शरीर को कानापोंड़ के ट्रेनिंग ग्राउंड में लाया गया उस समय बच्चे पुरी तरह से रो रहे थे, साथ ही आस पास के लोग भी अपना आंसू नहीं रोक पा रहे थे, जयकारों से पूरा ग्राउंड गूंज रहा था, उन्होंने बस्तर संभाग का नाम रोशन किया था, साथ ही पूरा छत्तीसगढ को भी गौरान्वित किया था, यह स्पोर्ट्स के क्षेत्र में बहुत बड़ा क्षति है, यह कांकेर जिला ही नहीं, पूरे बस्तर संभाग में उनके जैसे कर्मठ और ऊर्जावान व्यक्तित्व के धनी थे, साथ ही अपने पीछे 14 साल की पुत्री को छोड़ गए, उसे भी वो अपने जैसे बॉक्सर बनाना चाहते थे, इन सब की जानकारी मीडिया को अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जिला कांकेर के सचिव श्री राजेश कुमार जैन द्वारा दिया गया है।
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