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अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने बलिदानी जवान को दिया श्रद्धांजलि

  छत्तीसगढ कौशल न्युज  रायपुर: - छत्तीसगढ़ के वीर सपूत माटी पुत्र शहीद लेफ्टिनेंट राजीव पांडे,वीर चक्र 8 जून 1985 को भारतीय थल सेना में कमीश...

 



छत्तीसगढ कौशल न्युज 

रायपुर:- छत्तीसगढ़ के वीर सपूत माटी पुत्र शहीद लेफ्टिनेंट राजीव पांडे,वीर चक्र 8 जून 1985 को भारतीय थल सेना में कमीशन लिया। उनकी पहली पोस्टिंग 8 जैकलाई रेजीमेंट में हुई। शहीद लेफ्टिनेंट राजीव पांडे को ऑपरेशन मेघदूत के तहत सियाचिन ग्लेशियर में दुश्मनों की एक चौकी को हासिल करने का उत्तरदायित्व दिया गया था। इस 21000 फीट ऊंची दुर्गम चौकी तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर का खुला बर्फीला इलाका तथा 12000 फीट की दीवार पार करना आवश्यक था। दिनांक 29 मई 1987 के दिन उन्होंने एवं उनके साथियों ने इस चौकी पर आक्रमण कर दुश्मनों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ी क्षति पहुंचाई। 

            इस कार्यवाही को अंजाम देते समय वे तथा उनके पांच अन्य साथी वीरगति को प्राप्त हुए। उनके इस प्रबल प्रयास के फलस्वरुप दिनांक 29 जून 1987 को भारतीय सेना ने इस चौकी पर अपना कब्जा कर लिया। उनके इस अदम्य साहस के लियॆ दिनांक 26 जनवरी 1988 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा इनको मरणोपरांत वीर चक्र से अलंकृत किया गया। शहीद लेफ्टिनेंट राजीव पांडे के पिताजी कर्नल आर पी पांडे भी भारतीय सेना के मेडिकल कोर से सेवानिवृत्त हुए है। उनके इस बलिदान दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद छत्तीसगढ़ जिला इकाई रायपुर के द्वारा बलिदानी को संजय नगर टिकरापारा में उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि एवं पुष्पांजलि दी गई। 

            इस अवसर पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष कर्नल(डॉ) हरेंद्र त्रिपाठी, प्रांतीय सचिव नायक योगेश साहू, नायक अश्वनी साहू, हवलदार गोवर्धन सोनी, नायक पन्नालाल, नायक मूर्ति लाल साहू, हवलदार आत्माराम साहू, सूबेदार रोहित कुमार साहू, नायक विजय डागा, सूबेदार युधिष्ठिर सिन्हा, पीयूष जैन समाजसेवी, मंजू यादव समाजसेवी एवं वार्ड पार्षद समीर अख्तर तथा शहीद परिवार से शहीद के भाई सुनील पांडे, मुदित पांडे तथा अन्य गणमान्य नागरिक शहीद सम्मान कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। वीर पिता कर्नल आर पी पांडे एवं वीरमाता शकुंतला पांडे जी का स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण वह स्मारक तक नहीं पहुंच सके। इसलिए पूर्व सैनिकों ने उनके निवास स्थान समता कॉलोनी पहुंचकर वीर माता एवं वीर पिता को शाल श्रीफल से सम्मानित किया।

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