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शासकीय कन्या उ. मा विद्यालय कुरूद में शिक्षक पालक बैठक में बच्चों को तनाव मुक्त रखने दी गई जानकारी

  छत्तीसगढ कौशल न्युज  कुरूद:- आगामी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम से बच्चों में होने वाले तनाव को दूर करने और उनका उचित निराकरण की पहल पर शिक्...

 



छत्तीसगढ कौशल न्युज 

कुरूद:- आगामी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम से बच्चों में होने वाले तनाव को दूर करने और उनका उचित निराकरण की पहल पर शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार शनिवार को शा कन्या उ मा विद्यालय कुरूद में शिक्षक पालक मीटिंग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मूल विषय तनाव प्रबंधन में माता -पिता की भूमिका रही।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी मधुकर शर्मा ने उपस्थित पालकों को परीक्षा परिणाम से बच्चों में उत्पन्न होने वाले तनाव के प्रबंधन सबंधी विषय पर प्रकाश डाला साथ ही बच्चों की तुलना किसी अन्य बच्चों से न करने बच्चों को मानसिक तनाव न देने, बोर्ड परीक्षा परिणाम ही अंतिम नहीं सहित विभिन्न कारणों का वर्णन कर पालकों को समझाया कि बच्चा परीक्षा परिणाम के दौरान मानसिक अवसाद में रहता है, उस समय हम उनके सबसे बड़े हितैषी बनकर उनकी बातों को समझकर उनका निदान करें । उन्हें डांटने के स्थान पर नई तरीके से नई शुरुआत करने पर ताकत दे । श्री मधुकर ने उपस्थित पालकों से क्रमानुसार परिचय प्राप्त कर उनकी समस्याओं को सुना और बच्चों के प्रति उन्हें हमेशा एक सच्चा मित्र बनकर रहने की बात कही। कार्यक्रम में उपस्थित स्वास्थ्य व आयुष विभाग के कर्मचारी मौजूद थे जिन्होंने बच्चो व पालको का अलग अलग काउंसलिंग किया व उचित सुझाव दिए।


 स्वास्थ्य अधिकारी श्रीमती नुदरत फातमा ने पालकों को कहा कि आज के वर्तमान दौर में बच्चें छोटी सी चीज में ही बहुत ज्यादा सोचने लग जाते हैं , उन्हे हम किसी भी स्थिति में नकारात्मक सोचने ना दे बल्कि उन्हें प्रेरित करते रहे । संस्था प्रभारी श्री एन एस ध्रुव जी ने कहा कि बच्चों को इस तरह के मानसिक तनाव से बचाने के लिए उनके पास बैठे , उनकी बातें सुने और हर तरह से उनके पास आपके मौजूद होने की बात कहें बच्चों को इससे ताकत मिलेगी । विद्यालय की वरिष्ठ व्याख्यता श्रीमती पी तिवारी ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य है , उनमें कभी खुशी तो कभी तनाव का आना स्वाभाविक है , उनको तनाव में कभी आने वाली बात हम न कहे , बच्चों को मोटिवेट करते रहे ।

        कार्यक्रम संचालक व्याख्यता अविनाश साहू ने कहा कि बच्चों का पालकों के साथ संचार बहुत जरूरी है , आप जितना उनसे जुड़ते जाएंगे, बच्चों को इस तरह की कोई तकलीफ नहीं होगी। संस्कृत के व्याख्यता श्री सी के पटेल ने कहा कि बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से न किया जाए बल्कि बच्चों को हर परिस्थिति में सफल होना सिखाया जाए शिक्षक श्री डीएन ध्रुव ने कहा कि बच्चा जब अध्ययन काल में जीता है तो गुरु के साथ साथ उनका सबसे बड़ा हितैषी उसके माता - पिता ही होते हैं । अतः पालकों को बच्चे के हर तरह के परिणाम को स्वीकार कर उसे फिर से नई शुरुआत करने का आत्मबल दिया जाए पालक बच्चों के मित्र बनकर उनकी समस्याओं को सुने और उसे हर तरह से सुलझाने का प्रयास करें। गणित विषय के वरिष्ठ व्याख्यता श्री बी के निर्मल ने भी पालकों को बच्चों के प्रति संवेदनशील व जागरूक बनने साथ ही उनके प्रति हर तरह से मदद करने की बात कही ।कार्यक्रम में उपस्थित पालकों ने भी इस विषय पर अपने विचार रखे । इस दौरान बड़ी संख्या में पालक एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।

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