छत्तीसगढ कौशल न्युज धमतरी:- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 29 को किया जाना है। इसके मद्देनजर कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने आज कलेक्टोरेट मे...
छत्तीसगढ कौशल न्युज
धमतरी:- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 29 को किया जाना है। इसके मद्देनजर कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने आज कलेक्टोरेट में बैठक ली। इस मौके पर नोडल अधिकारी सुश्री प्रिया कंवर ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यकम का उद्देश्य सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं शासकीय विद्यालयों, अनुदान प्राप्त शालाओं, केन्द्रीय विद्यालयां, नवोदय विद्यालयों, मदरसों, निजी स्कुलों, महाविद्यालयों, तकनीकी शिक्षा संस्थानों में 1 साल से 19 साल तक की आयु वर्ग के सभी बच्चों का स्वास्थ्य एव पोषण का स्तर, एनीमिया की रोकथाम बौद्धिक विकास तथा शाला में उपस्थिति में सुधार हो सके। जिले के ग्राम एवं शहरी क्षेत्रों के बच्चों को कृमिनाशक की दवाई मितानीन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य अमला आंगन बाडी कार्यकर्ता के सहयोग से खिलाया जायेगा। जिले में 1 से 19 साल तक के लक्षित बच्चों की संख्या लगभग 3 लाख 13 हजार 371 है। उन्होंने बताया कि एलबेन्डाजॉल 400 मि.ग्रा. की दवाई 1 साल से 2 साल तक बच्चों को आधी गोली चम्मच में घोल कर एवं 2 से 3 साल तक के बच्चों को 1 पूरी गोली घोलकर अथवा चबाकर तथा 19 साल तक की आयु वर्ग के बच्चों को 1 गोली पूरी चबा-चबाकर खाने को दिया जायेगा। यह दवाई कड़वी नही होती है, इस दवाई को सेवा प्रदाता अपने सामने में खिलायेगें।
बैठक में कृमि संक्रमण से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया कि कृमि बच्चों में कुपोषण के मुख्य कारक है। शरीर में खून की कमी होने से कमजोरी व थकान महसूस होती है तथा शरीर का विकास नही होता और मानसिक विकास में भी अवरोध पैदा करता है। कृमि से होने वाले लक्षण में दस्त, पेट दर्द, भूख न लगना, कमजोरी व उल्टी लगना है। कृमि संक्रमण से बचाव हेतु एलबेन्डा जॉल की 1 गोली की खुराक दी जाती है।
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