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पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है आदिवासी समाज - ओंकार साहू

  छत्तीसगढ कौशल न्युज  धमतरी:- 9अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर ग्राम रिवागहन में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिस...

 


छत्तीसगढ कौशल न्युज 

धमतरी:- 9अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर ग्राम रिवागहन में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे धमतरी विधायक ओंकार साहू मुख्य अथिति के रूप में पहुंचकर आदिवासी समाज के सामाजिक बंधुओ से मुलाक़ात कर स्नेह बांटा और आदिवासी समाज के बेटियों नें मनमोहक सामूहिक आदिवासी नृत्य करते हुए शोभा यात्रा के जरिए विधायक जी का स्वागत किया। धमतरी विधायक ओंकार साहू नें कहा कि रीवागहन के आदिवासी समाज के स्वागत नें मेरा दिल जीत लिया इसके लिए मै आदिवासी समाज को धन्यवाद व्यक्त करता हू | विधायक जी नें कहा कि 9 अगस्त को दुनियाभर में आदिवासी दिवस मनाया जा रहा हैं l यह दिवस विश्व के आदिवासी समुदाय की विविधता और समृद्धि का जश्न मनाने का अवसर है। इस दिन आदिवासी भाइयों के सम्मान में सभी समाज आदिवासी दिवस का आनंद लेते हैं यह दिन हमें याद दिलाता है कि आदिवासी समुदायों ने सदियों से पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

          Bआज भी आदिवासी समुदाय का मुख्य आहार पेड़-पौधों पर निर्भर है। यहाँ तक कि उनके त्योहार भी प्रकृति से जुड़े हुए हैं। धमतरी विधायक ओंकार साहू नें बताया कि आदिवासी समाज में बहुत सारे ऐसे महान विभूतिया हुई हैं जिन्होंने स्वतंत्रता कि लड़ाई में अपना महत्व पूर्ण योगदान देकर देश का लोहा मनवाया जैसे कि बिरसा मुंडा, रानी लक्ष्मी बाई जब 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेजों कुटिल नीति अपनाकर आदिवासियों को लगातार जल-जंगल-जमीन और उनके प्राकृतिक संसाधनों से बेदखल करने लगे। हालाँकि आदिवासी विद्रोह करते थें, लेकिन संख्या बल में कम होने एवं आधुनिक हत्यारों की अनुपलब्धता के कारण उनके विद्रोह को कुछ ही दिनों में दबा दिया जाता था।

यह सब देखकर बिरसा मुंडा विचलित हो गए, और अंततः 1895 में अंग्रेजों की लागू की गयी जमींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ-साथ जंगल-जमीन की लड़ाई छेड़ दी। यह मात्र विद्रोह नहीं था। यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता और संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था। धमतरी विधायक नें कहा कि पिछले सभी विद्रोह से सीखते हुए, बिरसा मुंडा ने पहले सभी आदिवासियों को संगठित किया फिर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ दिया।

        धमतरी विधायक ओंकार साहू नें कहा कि आदिवासी वीरांगना रानी दुर्गावती , जिन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए मुगलों से युद्ध कर वीरगति को प्राप्त हो गई। इस तरह आदिवासी समाज का इतिहास पराक्रम का इतिहास हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से धमतरी विधायक ओंकार साहू जी, जिला पंचायत सदस्य श्री मति दामयंतीन साहू जी, जिला पंचायत सदस्य श्री मति कविता योगेश बाबर जी, सरपंच श्री कमलेश्वर ध्रुव जी, हुलार सिंग कोर्राम जी (अध्यक्ष रिवागहन परिक्षेत्र ) केशव साहू जी,योगेश बाबर जी,गेंदराम ध्रुव जी, घिराज राम ध्रुव जी, जय राम ध्रुव जी ईश्वरी दयाल कोर्राम , सोमन ध्रुव जी, बनवास कोर्राम जी, श्यामा बाई नेताम, श्री मति रामकुवर ध्रुव जी, धर्मेंद्र नेताम, बलराम ध्रुव, नारद राम ध्रुव, चुम्मन लाल कोर्राम, शांता राम ध्रुव, सोमनाथ कोर्राम, सुखीराम राम नेताम, माखान लाल गौतम साथ में बड़ी संख्या में ग्रामवाशी एवं मातृ शक्ति उपस्थित उपस्थित रहे।

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