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नारधा में 10 एकड़ घास जमीन की हेराफेरी...मास्टरमाइंड कौन...?

        छत्तीसगढ कौशल न्युज  मगरलोड़ :- ग्राम नराधा में एक सनसनी केस का मामला उजागर हुआ है  जिसमें शासकीय घास भूमि खसरा नंबर 643 रकबा 25.03 ...

 

     


छत्तीसगढ कौशल न्युज 

मगरलोड़:- ग्राम नराधा में एक सनसनी केस का मामला उजागर हुआ है  जिसमें शासकीय घास भूमि खसरा नंबर 643 रकबा 25.03 हे. कृषि भूमि आम निस्तारी मुक्तिधाम पशु चारागाह व अन्य ग्रामीण सार्वजनिक कार्यक्रम उपयोग के लिए रखा गया है लेकिन ग्राम नारदा  में वह जमीन महेश कुमार दम्मानी पिता किशन गोपाल दम्मानी के नाम पर दर्ज है जिसे बेचने के फिराक में ग्राहक ढूंढ रहे इसी बीच जमीन खरीददार का आना जाना होने लगा तो कुछ जागरूक किसानों ने उस जमीन का ऑनलाइन रिकॉर्ड निकाला पता चला की घास भूमि भू स्वामी में तब्दील होकर नामांतरण क्र. 5904204/ 180922/03463आदेश क्रमांक रा. प्र. क 155/अ -/2020-21 दिनांक 24अगस्त 2022को घास भूमि खसरा न. 643 को बटाकित कर खसरा न. 643/2 रकबा 4.05 हे. कृषि भूमि महेश कुमार दमानी पिता कृष्ण गोपाल दमानी के नाम पर दर्ज है चौकाने वाली बात उसके नाम पर ऋण पुस्तिका भी जारी है। जिसका क्रमांक 3592102 है। जो की शासकीय भूमि घास भूमि है जिसे किस प्रकार महेश कुमार दम्मानी के नाम पर दर्ज किया गया है इस बात की जानकारी हल्का पटवारी देने में असमर्थ है इससे स्पष्ट होता है कि ग्राम नारदा प. ह. न.10 तहसील मगरलोड महेश कुमार दम्मानी के नाम पर छल पूर्वक की कृत्य कर शासन की आंखों में झूल झोंक कर गंभीर आपराधिक कृत करते कार्य किया है।

चौकाने वाले खुलासा- जब हुआ वकील के माध्यम से 19 / 09/ 24 को नोटिस महेश दम्मानी, पटवारी, आर आई,और तहसीलदार भेजवाया गया। नोटिस मिलने के बाद कुछ ही दिनों में खसरा न. 643/2 रकबा 4.05हे. शासकीय घास भूमि तब्दील हो चुका था। मतलब साफ होता है राजस्व रिकार्ड व आनलाइन रिकार्ड में हेराफेरी किया गया है। इस विषय में हमारी टीम तहसीलदार मनोज भारद्वाज से मुलाकात किया लेकिन जवाब में कहा जैसे ही आवेदक द्वारा शिकायत होने पर मैं भूमि स्वामी को हटाकर घास भूमि में परिवर्तन किया हूं...

हमने पूछा - आपको बिना जॉच किए कैसे परिवर्तन (हटा)कर सकते हो... फिर गुस्से में आकर कहा मैं आपको कोई सवाल का जवाब नही दूंगा...धन्यवाद!

तो इससे सिद्ध होता कही न कही मगरलोङ तहसीलदार मनोज भारद्वाज इस हेरा फेरी में शामिल है। 

बता दें कि सत्ता बदलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में सुशासन स्थापित करने अधिकारी कर्मचारी को निर्देशित किया है भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए जाने का कार्य जारी है, और जो भी अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। अब इस खबर के प्रकाशन होने के बाद देखना यह लाजमी होगा कि राजस्व विभाग में किस प्रकार की कार्यवाही या जांच होती है। और जांच में किसके ऊपर गिरी गाज या मामला साठगांठ करके रफादफा कर दिया जाता है,,,!

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