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दीप गरबा से माता चण्डी की आराधना मंचीय कार्यक्रम मे अभिव्यक्तिी कला मंच के अतिथियों का सम्मान

  छत्तीसगढ कौशल न्युज  कुरूद :- विवेकानंद इनडोर स्टेडियम में आयोजित नौ दिवसीय गरबा महोत्सव में नवरात्रि के सातवे दिन नीले रंग की परिधान और द...

 


छत्तीसगढ कौशल न्युज 

कुरूद:- विवेकानंद इनडोर स्टेडियम में आयोजित नौ दिवसीय गरबा महोत्सव में नवरात्रि के सातवे दिन नीले रंग की परिधान और दक्षिण भारतीय वेशभूूषा के गेटअप में प्रतिभागियों ने साउथ इंइियन की थीम पर रंग-बिरंगे आकर्षक परिधान और साज-सज्जा से गरबा नृत्य कर मातारानी की आराधना की। आठवे दिन प्रतिभागियों ने लाल रंग के डेसकोड और बडी संख्या में महिलाओं ने आकर्षक परिधान से सज-धज कर अष्टमी के पावन पर्व में माता अंबे के महागौरी स्वरूप की दीप गरबा नृत्य से आराधना की तथा दीये की लौ की रोशनी में शक्ति की भक्ति तथा मां अंबे की उपासना की। इस दौरान आयोजित मंचीय कार्यकम में अभिव्यक्ति कला मंच से जुडे लोगों को अतिथि के रूप में गरबा प्रांगण पहुचकर प्रतिभागियों की हौसलाअफजाई की। मंचीय कार्यक्रम के अतिथीगण शिव निर्मलकर, एवी मारूति, तेजराम सिन्हा, हरीश देवांगन, कुलेश्वर सिन्हा, कृष्णकांत साहू, विनोद असरानी, भूपेंद्र सिन्हा, संजय चंद्राकर, रोशन धु्रव का गरबा आयोजन समिति ने सम्मानित कर नगर में नाटक विधा की नींव रखने वाले कलाकारों का सम्मान भी किया। अपने उदबोधन में एवी मारूति ने बताया कि 2006 से एक छोटे से स्वरूप से और प्रारंभिक कुछ सदस्यो से प्रारंभ हुआ यह गरबा आज विशाल रूप से महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा हैै जिसमें पारिवारिक माहौल में नगर के सभी लोग एक मंच में एक साथ बडी संख्या में माता की भक्ति कर रहे है।

अपने उदबोधन में हरीश देवांगन ने अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही कुरूद नगर की नाटक विधा के साथ साथ खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी विशेष उपलब्धि रही है। 

             सन1986 में नगर में नाटय मंच अभिव्यक्ति कला मंच की स्थापना हुई। कलामंच के कलाकारों ने भिलाई में आयोजित अखिल भारतीय नाट्य स्पर्धा तथा रायपुर में इफटा द्वारा आयोजित कई नाटकों का मंचन किया तथा कला के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान और उपलबिध स्थापित की। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में भी छोटे से कस्बा कुरूद की पहचान न केवल नाटक विधा के क्षेत्र में अपितु खेल के क्षेत्र जैसे बालीबाल और क्रिकेट में भी अग्रणी रहा और सांस्कृतिक क्षेत्रों के साथ ही विविध क्षेत्रों में भी कुरूद नगर कीें एक अलग पहचान थी। इस दौरान गरबा कार्यक्रम को रोककर देश के अनमोल रतन, गरीबो के मसीहा और देश के गौरव स्व. रतन टाटा को गरबा के सभी प्रतिभागियों ने मौन धारण कर श्रंद्धाजलि अपिॅत की। धनकुबेर होने के बावजूद उनकी सादगी, दानवीरता, कारपोरेट सोशल रिसपांसिबिलिटी और मानवता की सेवा में किये गये हासपिटैलिटी और चैरिटी के देशहित और जनहित में किये गये परोपकारी कार्य और मानवीय मूल्यों के प्रति सामाजिक सरोकार से उन्होेने करोडो लोगो के जेहन में अपनी अमिट छाप छोडी। गरबा आयोजन समिति से पुष्पा तिवारी, वीणा खत्री, प्रसन्न नायडू, प्रतिमा पिल्ले, संगीता श्रीवास्तव, सुमन बजाज, रेखा तिवारी, सरिता देवांगन, सूरज देवांगन, मनीष देवांगन, मोहन सुखरामणी, दुर्गेश द्विवेदी, योगेश साहू, राहुल वर्द्धयानी, करूणा देवांगन, पूर्वी सुखरामणी, सरोजनी नाग सहित हजारो की संख्या में दर्शक दीर्घा में गरबाप्रेमी दर्शकगण उपस्थित रहकर गरबा का लुफत उठाया।

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