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4 दिन तक बंद रहेंगे बैंक...जल्द निपटा ले अपना काम

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आईडीबीआई बैंक बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था। जि...


छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आईडीबीआई बैंक बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था। जिसका बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है। अब यूनियनों ने अगले सप्ताह दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। ऐसे में यदि आप अगले सप्ताह बैंक से जुड़े किसी काम के लिए ब्रांच में जाना है तो पहले ये जान लें कि किस दिन बैंक बंद रहेगा। दरअसल, निजीकरण के विरोध में सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल करने का ऐलान किया है। नौ बैंक यूनियन के केंद्रीय संगठन यूनाइटेड फॉर ऑफ बैंक यूनियन्स ने इस हड़ताल का ऐलान किया है। हड़ताल की वजह से सरकारी बैंकों के कामकाज पर असर पड़ेगा। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एस

बैंक कर्मचारियों की इस हड़ताल से ग्राहकों को परेशानी हो सकती है। क्योंकि लगातार 4 दिन तक सरकारी बैंक बंद रह सकते हैं। 15 मार्च को सोमवार और 16 मार्च को मंगलवार है, इन दो दिन सरकारी बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। जबकि इससे पहले 14 मार्च को रविवार और 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार (सेकंड सटरडे) है। इस तरह से लगातार चार दिन तक सरकारी बैंक बंद रह सकते हैं। अगर बैंक से जुड़े जरूरी काम हैं तो फिर 11 मार्च से पहले निपटा लें। क्योंकि 11 मार्च से 16 मार्च के बीच केवल एक दिन 12 मार्च (शुक्रवार) को बैंक में पूर्ण रूप से कार्यवृत्त हो पाएगा। क्योंकि 11 मार्च को महाशिवरात्रि का त्योहार है और इस मौके पर छुट्टी रहेगी। हालांकि दिल्ली में इस दिन बैंक खुले रहेंगे। सरकारी बैंकों के निजीकरण के फैसले से सरकारी बैंकों के कर्मचारियों में डर बन गया है। कर्मचारियों को लगता है कि प्राथमिक के हाथों में बैंकों के जाने से रोजगार पर संकट आ सकता है। बैंक यूनियनों की मानें तो यह एक मिथ्या है कि केवल निजी ही अनुकूल होते हैं। निजीकरण न तो दक्षता लाता है और न ही सुरक्षा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष (2021-22) के दौरान ऋवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्रयास किया है। बैंकों के निजीकरण के अलावा सरकार ने एक सामान्य इंश्योरेंस कंपनी को भी अगले वित्त वर्ष में निजीकरण करने का फैसला लिया है।


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