छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज l आपको भी अगर कुत्ते पालने का शौक है, तो आपको सावधान होने की जरूरत है. आमतौर पर कुत्ते को सबसे वफादार जानवरों में गि...
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आपको भी अगर कुत्ते पालने का शौक है, तो आपको सावधान होने की जरूरत है. आमतौर पर कुत्ते को सबसे वफादार जानवरों में गिना जाता है. आपने कई ऐसे वीडियो देखें होंगे जिसमें कुत्ते किसी ना किसी तरह से अपनी वफादारी का प्रमाण भी देते है. लेकिन जर्मनी से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है जिसमें एक पालतू कुत्ता ही अपने मालिक की मौता का कारण बना है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी में एक 63 वर्षीय व्यक्ति की मौत उसके कुत्ते द्वारा उसे मालिक को प्यार से चाटाने के कराण उसकी मौत हुई. इनसाइनर की रिपोर्ट के मुताबिक एक स्वस्थ 63 वर्षीय व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में एक रहस्यमय बीमारी से उसकी मृत्यु हो गई. डॉक्टरों ने पाया कि व्यक्ति की मौत उसके पालतु कुत्ते के कारण हुई है.
इस व्यक्ति ने अपने पालतू कुत्ते के साथ खेलने के तुरंत बाद बुखार और मांसपेशियों में दर्द सहित फ्लू जैसे लक्षण महसूस किए. सांस लेने में कठिनाई, चेहरे पर फफोले और उनके निचले शरीर पर अजीब चोट जैसे लक्षणों के कारण उनकी स्थिति और अधिक बिगड़ गई.
अस्पताल में भर्ती होने और एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज करने के बावजूद, आदमी सेप्टिक सदमे में चला गया और उसे दिल का दौरा पड़ा. उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
यूरोपियन जर्नल आॅफ इंटर्नल मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू बिल्लियों और कुत्तों की लार में एक प्रकार का बैक्टीरिया मिलता है जो इस व्यक्ति की मौत का कारण बना है. 16 दिनों के उपचार के बाद डॉक्टरों ने इस को लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटा दिया और उसकी मृत्यु हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक, ये व्यक्ति कैपनोसाइटोफेगा कैनिमोरस नाम के बैक्टीरिया से पीड़ित था.
कैपोनोसाइटोफेगा नामक बैक्टीरिया पालतू जानवरों में आम हैं, और यह जानवर के लार के काटने, खरोंच या किसी भी संपर्क के माध्यम से फैल सकता है. केस स्टडी के अनुसार, जब मनुष्यों में फैलता है, तो कैपोनोसाइटैग संक्रमण के लगभग 25% घातक होते हैं. लेकिन सौभाग्य से, बैक्टीरिया के संपर्क में आने वाले अधिकांश लोग बिल्कुल भी बीमार नहीं होते हैं.
जबकि मनुष्यों में गंभीर कैपनोसाइटोफेगा संक्रमण दुर्लभ है, स्वस्थ बिल्लियों और कुत्तों में बैक्टीरिया खुद ही आम है. 74% कुत्तों के मुंह में बैक्टीरिया होते हैं, और वे खुद कभी बीमार नहीं पड़ते. बिल्लियाँ कैपनोसाइटोफागा की भी मेजबान हैं, हालांकि वे इसे मनुष्यों में प्रसारित करने की संभावना कम हैं. नीदरलैंड में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, इस तरह की बीमारी प्रत्येक 1.5 मिलियन लोगों में से केवल एक व्यक्ति को ही हो सकती है. ऐसे में इस व्यक्ति को हुई ये बीमारी डॉक्टरों को भी हैरान कर रही है।
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