छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रायपुर। कोरोना माहमारी में भी कुछ लोग अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए है। राजधानी में जारी लॉकडाउन के बीच भी कुछ ऐसे ...
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रायपुर। कोरोना माहमारी में भी कुछ लोग अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए है। राजधानी में जारी लॉकडाउन के बीच भी कुछ ऐसे फर्जी डॉक्टर आ गए है जो कोरोना की फर्जी रिपोर्ट लोगों को देकर उनसे हज़ारों रुपए वसूलते है। कोरोना महामारी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है, लेकिन लोग इसकी गंभीरता को ना समझकर धोखाधड़ी और ठगी में लग गए है। ये फर्जी डॉक्टर कोरोना की फर्जी रिपोट्र्स लोगों को दे देते है, और उनसे दोगुना ज्यादा पैसा वसूल लेते है। एक बार फिर से कोरोना के मामले बढऩे लगे हैं।
वहीं इस बीच एक फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने वाले गैंग की सूचना सामने आ रही है। जो कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाते है और लोगों से भारी पैसा वसूल लेते है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये पता चला है कि कई ऐसे डॉक्टर अब जिले में घूम रहे है जिनके पास ना तो कोई सर्टिफिकेट है और ना ही कोई डिग्री फिर भी ऐसे डॉक्टर लोगों का कोरोना टेस्ट करके उनकी रिपोर्ट तैयार कर रहे है।
डॉक्टरों की ये होती है चाल : रायपुर शहर में डॉक्टर नर्स उपलब्ध करवाने का बिजनेस करने का ढोंग रचते हुए पहले अपने लिए एक व्यक्ति ढूंढते है जो राज्य से बाहर जाना चाहता हो उसके बाद उससे संपर्क करके कोरोना टेस्ट करने की डील करके उसके घर जाकर टेस्ट करते है। टेस्ट करने के बाद डॉक्टर 2 घंटे में रिपोर्ट तैयार करके जिस व्यक्ति को राज्य से बाहर जाना होता है उसे देकर दो गुने पैसों में अपना व्यापार चलाते है। जिसके बदले डॉक्टर पैसे लेते है और सैंपल भी कलेक्ट करते है। लेकिन यह सैंपल कहीं लैब में भेजने की जगह डॉक्टर अपने सहयोगियों की मदद से कोरोना की नकली नेगेटिव रिपोर्ट बनवाकर अपने ग्राहकों को दे देते है।
क्या है रेमडेसिविर? रेमडीसिविर एक एंटी-वायरल दवा है जो शरीर के अंदर वायरस को फैलने से रोकता है। हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए कैलिफोर्निया के गिलीड साइंसेज ने इस दवा को बनाया था। लेकिन, यह इस हेपेटाइटिस सी पर कभी भी कारगर नहीं हो पाया। दवा बनने के बाद लगातार इसपर रिसर्च चलता रहा। बाद में इसका इस्तेमाल इबोला वायरस के इलाज के लिए शुरू कर दिया गया। जानिए रेमडेसिवीर की क्यों बढ़ी है डिमांड कोरोना की दूसरी लहर के कारण मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिला है। जितने ज्यादा टेस्ट उनसे आधे से भी आधे मरीज़ पॉजिटिव मिल रहे है।
लेकिन क्रिटिकल मरीजों के लिए रेमडेसिविर की मांग बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है, पिछले साल के अंत में इस कोरोना के नए मामलों में कमी आऩे के बाद रेमडीसिविर दवा का उत्पादन कम कर दिया गया था। यही नहीं पिछले 6 महीनों में कई राज्यों में करीब 10 लाख से ज्यादा इंजेक्शन कई अन्य देशों को निर्यात कर दिया था। वहीं इंजेक्शन की जमाखोरी और कालाबाजारी की समस्या ने इस कमी को और गंभीर बना दिया है।
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