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जगन्नाथ मंदिर में देवस्नान पूर्णीमा संपन्न अब 9 जुलाई को खुलेंगे पट

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रवि सोनकर भिलाई । जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महाप्रभु जगन्नाथ की 52 वीं रथयात्रा महोत्सव 202...



छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

रवि सोनकर भिलाई । जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महाप्रभु जगन्नाथ की 52 वीं रथयात्रा महोत्सव 2021 मनाने जा रही है। रथयात्रा की पहली कड़ी के रुप में आज जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए देवस्नान पूर्णीमा का धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। 

इस आयोजन के तहत महाप्रभु जगन्नाथ को गर्भगृह से निकाल कर मंदिर के भीतर अस्थायी रूप से बनाये गये देव स्नान मंडप पर लाया गया। देव स्नान मंडप में समस्त विधि-विधान के साथ महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी, बड़े भाई भगवान बलभद्र देव, तथा बहन माता सुभद्रा को सुगंधित जल से स्नान कराया गया। देव स्नान की यह धार्मिक पूजा समस्त रीति-रिवाजों के साथ पुरोहित पितवास पाढ़ी तथा पंडित निलाचल दास तथा रंजन महापात्र व विक्रम पाढ़ी द्वारा संपन्न्न किया गया। देव स्नान के पश्चात महाप्रभु का गजराज भेष के रूप में श्रृंगार किया गया।

देव स्नान के पश्चात महाप्रभु के बीमार पड़ने के कारण उन्हे विश्राम हेतु अणसर गृह में स्थापित किया गया। आज से लेकर 9 जुलाई के नेत्र उत्सव तक महाप्रभु जगन्नाथ के मंदिर के पट बंद रहेंगे। इस अवधि में महाप्रभु को विभिन्न जड़ी बूटियों व दिव्य औषधियों का भोग लगाया जायेगा।

 9 जुलाई को नेत्र उत्सव का आयोजन किया जायेगा। तत्पश्चात महाप्रभु के मंदिर का पट दर्शन हेतु खोले जायेंगे। इसके पष्चात् कोरोना प्रोटोकाॅल को ध्यान में रखते हुए दिनांक 12 जुलाई को सेक्टर-4 स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर में ही रथयात्रा की रस्मअदायगी की जायेगी।

देव स्नान के इस पावन उत्सव को सफल बनाने में जगन्नाथ समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र सतपथी, महासचिव सत्यवान नायक, वृंदावन स्वांई, बीसी बिस्वाल, भीम स्वांई, एस सी पात्रो, बसंत प्रधान सहित समिति के पदाधिकारी अनाम नाहक, डी त्रिनाथ, सुशांत सतपथी, कालू बेहरा, त्रिनाथ साहू, बीसी केशन साहू, निरंजन महाराणा, कवि बिस्वाल, संतोष दलाई, प्रकाश स्वांई, रमेश कुमार नायक, सीमांचल बेहरा, सुदर्शन शांती, शंकर दलाई, एस डाकुआ ने विशेष योगदान दिया। इस अवसर पर कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए आयोजन को पुजारीगण और उनके सहयोगियों तक सीमित रखा गया।

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