Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग :

latest

RTI अधिनियम बना मजाक: आवेदक को कर रहे है भ्रमित …विभाग से संबंधित प्रश्न पूछने पर भी सिर्फ एक जवाब, पढ़े पूरी खबर

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज  बना मजाक: आवेदक को दी जा रही भ्रामक जानकारियां… है…जांजगीर चांपा। सरकारी कार्यालयों द्वारा किए जा रहे कार्यों में पा...

 छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

 बना मजाक: आवेदक को दी जा रही भ्रामक जानकारियां… है…जांजगीर चांपा।

सरकारी कार्यालयों द्वारा किए जा रहे कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सन् 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लागू किया गया है। किंतु इस अधिनियम की खिल्ली उड़ाने मे अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। आरटीआई आवेदन प्राप्त होते ही ग्राम पंचायत स्तर हो या जिला स्तर, अधिकारी इस षड्यंत्र में जुड़ जाते है की आवेदक को किस तरह जानकारी ना दी जाए या कैसे आवेदक को गुमराह किया जाए। 

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी ना देने के लिए आवेदक को गुमराह करना यह तो सरकारी कार्यालयों में अब आम बात हो गई है। इसका ताजा उदाहरण जिला आयुर्वेद अधिकारी कार्यालय जांजगीर है।

जानकारी के मुताबिक, आवेदक ने 08.11.2021 को कार्यालय जिला आयुर्वेद अधिकारी जांजगीर में दो अलग -अलग आरटीआई आवेदन प्रस्तुत कर जानकारी मांगी गई थी की जब बीएएमएस डॉक्टर (आयुर्वेद चिकित्सक) को अस्थाई लाइसेंस जारी किया जाता है तो उस अवधि में बीएएमएस डॉक्टर को जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में इंटर्नशिप करना चाहिए या निजी एलोपैथी हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करना चाहिए।

दूसरे आवेदन के माध्यम से उन्होंने जानकारी मांगी थी की सक्ती स्थित निजी हॉस्पिटल में बीएएमएस डॉक्टर (आयुर्वेद चिकित्सक) के द्वारा दिनांक 24.02.2020 को और उसी निजी अस्पताल के एक और बीएएमएस डॉक्टर ने दिनांक 02.03.2020 को एलोपैथी इलाज करते हुए एलोपैथिक इंजेक्शन, सिरप व दवाईयां लिखी है। उक्त बीएएमएस डॉक्टरों द्वारा जो दवाईयां लिखी गई है उनमे कौन-कौन सी दवाईयां बीएएमएस डॉक्टरों को लिखने का अधिकार नहीं है।

दोनो के जवाब में जिला आयुर्वेद अधिकारी जांजगीर ने आवेदक को गुमराह करते हुए जवाब दिया की इस विषय के संबंध में जानकारी देना जिला आवुर्येद कार्यालय जांजगीर के कार्य क्षेत्र में नही है।

गौरतलब है की आवेदक ने इन्ही दो सवालों को लेकर संचालनालय आयुर्वेदिक, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी (आयुष) छत्तीसगढ़ के जनसूचना अधिकारी को आरटीआई आवेदन भेजा था। संचालनालय के जनसूचना अधिकारी ने जिला आयुर्वेद अधिकारी जांजगीर को आरटीआई का जवाब देने पत्र स्थानांतरित किया था। जिला आयुर्वेद अधिकारी जांजगीर द्वारा हर बार की तरह अधिकार क्षेत्र नही होना बताया।

अब ध्यान देने वाली बात यह है कि संचालनालय के जनसूचना अधिकारी ने जब आवेदन पत्र को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(3) के तहत जिला आयुर्वेद अधिकारी जांजगीर को आरटीआई का जवाब देने स्थानांतरित किया है तो उक्त विषय की जानकारी जिला आयुर्वेद अधिकारी जांजगीर के कार्यक्षेत्र से बाहर कैसे हो सकती है?

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, आरटीआई में उल्लेखित बीएएमएस डॉक्टरों ने जिला आयुर्वेद अधिकारी जांजगीर से सांठ-गांठ कर लिया है की आवेदक को आरटीआई में मांगी गई जानकारी ना दी जाए। शायद यही वजह है की आयुर्वेद से संबंधित उक्त दोनों प्रश्न जिला आयुर्वेद अधिकारी जांजगीर के कार्य क्षेत्र में नही आते है। देखना यह होगा कि आवेदक को गुमराह करने वाले जिला आयुर्वेद अधिकारी पर जिला प्रशासन कोई कार्यवाही करता है या हर बार की तरह इस बार भी सूचना का अधिकार अधिनयम की खिल्ली उड़ती है।

    संपादक

प्रदीप गंजीर ( छ. ग.)

मो. 9425230709

No comments