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Chhattisgarh: यहां मिली ""नरसिंह’ की दुर्लभ प्रतिमा, योग मुद्रा में बनी है भगवान नरसिंह की यह मूर्ति

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रायपुर ।  जिले के कुम्हारी गांव के एक तालाब से भगवान नरसिंह की एक दुर्लभ प्रतिमा मिली है। लाल बलुआ पत्थर से बनी यह प्...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

रायपुर । जिले के कुम्हारी गांव के एक तालाब से भगवान नरसिंह की एक दुर्लभ प्रतिमा मिली है। लाल बलुआ पत्थर से बनी यह प्रतिमा योग मुद्रा में बनी है। यही बात इसे दुर्लभ बना रही है। पुरातत्व अधिकारी इसके 4थी-5वीं सदी के होने का अनुमान लगा रहे हैं। पुरातत्व विभाग इस प्रतिमा को रायपुर के महंथ घासीदास संग्रहालय लाया है।

बताया गया, 

15 फरवरी को आरंग के कुम्हारी गांव में एक तालाब खुदाई का काम हो रहा था। 

सरपंच तेजराम साहू ने बताया कि बस्ती के उत्तर में बघधरा नामक देवस्थल के पास स्थित भाठा जमीन पर ग्राम पंचायत तालाब बनवा रहा था। यह काम मनरेगा के तहत हो रहा था। इसी दौरान यह मूर्ति प्राप्त हुई है। बाद में इसे पंचायत भवन में रखवा दिया गया। इसकी जानकारी होने पर पुरातत्व विभाग के उप संचालक डॉ. पी.सी. पारख की अगुवाई में विशेषज्ञों का एक दल गुरुवार को कुम्हारी पहुंचा। पुरातत्त्ववेत्ता प्रभात कुमार सिंह, उत्खनन सहायक प्रवीन तिर्की की टीम ने उस मूर्ति और जहां से वह मिला था उस स्थल का मुवायना किया। निरीक्षण के दौरान वहां गुप्तकालीन पात्र परंपरा के मिट्‌टी के बर्तन भी देखने को मिला। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्राचीन मूर्ति की पहचान योग नृसिंह के रूप में की गई है।

लाल बलुआ पत्थर से बनी है प्रतिमा

लाल बलुआ पत्थर निर्मित इस मूर्ति का आकार 18X12.5X02 सेंटीमीटर है। जिसका निचला भाग

अंशतः खण्डित है। मूर्ति की बनावट, प्रतिमालक्षण और प्राप्ति स्थल से ज्ञात पात्र-परंपरा के आधार पर इसकी तिथि लगभग 4थी-5वीं सदी ईसवी आंकी जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों से चर्चा के बाद इस प्रतिमा को अधिकारी रायपुर लाए हैं। इस प्रतिमा को महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय में सुरक्षित रखने के लिए दिया गया है।

क्यों दुर्लभ मानी जा रही है यह प्रतिमा

पुरातत्व अधिकारियों ने बताया, यह अनूठी और विरले ही प्राप्त होने वाली प्रतिमा है। इसे नृसिंह अथवा शांत नृसिंह भी कहा जाता है। ऐसी मुद्रा में देवता अकेले शांत बैठे हुए प्रदर्शित किये जाते हैं। आमतौर पर हिरण्यकश्यप का वध करते, पेट फाड़ते हुए नृसिंह मूर्ति ही मिलती है। नृसिंह की इस रूप की प्रतिमा का शिल्पांकन अपेक्षाकृत कम हुआ है।

     संपादक

प्रदीप गंजीर ( छ. ग.)

मो.9425230709

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