Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग :

latest

भिलाई निगम मे हो रही पदो की बंदरबांट, चाटुकारो का बोलबाला पीआरओ सुनिल अग्रहरि को बनाया गया उपायुक्त व विधि अधिकारी, राजस्व और संपत्ति कर का प्रभार भी दिया गया, मूल पदाधिकारियो व बड़े अधिकारियो की हो रही अवमानना

  भिलाई:-नगर पालिक निगम भिलाई मे कोई भी काम नियम के अनुसार नही हो रहा है, ऐसा लगता है कि सिर्फ चापलूसी और चाटुकारिता करने वाले कमतर पदो के क...

  भिलाई:-नगर पालिक निगम भिलाई मे कोई भी काम नियम के अनुसार नही हो रहा है, ऐसा लगता है कि सिर्फ चापलूसी और चाटुकारिता करने वाले कमतर पदो के कर्मचारी और अधिकारी को लाभान्वित करने की निगम प्रशासन ने ठान रखी है। मूल पदो की अवमानना व नियम विरुद्ध कार्यप्रणाली के कारण निगम का कामकाज भगवान भरोसे चल रहा है।


ज्ञात हो कि निगम मे अनेक सहायक राजस्व अधिकारी व राजस्व निरीक्षक होने के बावजूद डाटा एन्ट्री आपरेटर बालकृष्ण नायडू को जोन क्रमांक 4 का सहायक राजस्व अधिकारी का प्रभार देकर नियम विरुद्ध व विसंगति पूर्ण कार्य किया गया है। एक और बड़ी जानकारी का खुलासा हुआ है कि उपायुक्त के पद पर पदस्थ सुनिल अग्रहरि का मूल पद जनसंपर्क अधिकारी है, किन्तु निगम प्रशासन द्वारा उनसे जनसंपर्क विभाग का कार्य ना लेकर उन्हे उपायुक्त जैसे बड़े पद की जिम्मेदारी से नवाजा गया है। इतना ही नही इन्हे विधि अधिकारी भी बनाया गया है साथ ही राजस्व विभाग और संपत्ति कर विभाग का प्रभार भी सौंपा गया है। सवाल यह खड़ा होता है कि भिन्न विभाग के एक छोटे पद के अधिकारी को भिन्न विभाग के इतने बड़े बड़े पदो पर आसीन क्यो किया गया ? इससे तो निगम की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था ही संदिग्ध नजर आ रही और आयुक्त व अपर आयुक्त भी संदेह के दायरे मे नजर आ  रहे है। जानकारी मिली है कि सुनिल अग्रहरि उपायुक्त द्वारा अपने से बड़े पद के अधिकारियो पर रौब झाड़ने और उन्हे दबाने का प्रयास किया जाता है और अपने पसंदीदा चाटुकार कर्मचारियो को नियम विपरीत दूसरे विभाग मे संलग्न कर उनके जरिये आर्थिक उगाही का काम भी करता है।


           उल्लेखित है कि निगम मे अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता जैसे अनेक बड़े अधिकारी है जिन्हे उपायुक्त की जिम्मेदारी प्रदान की जा सकती है, यह भी जानकारी मिली है कि शासन द्वारा उपायुक्त के मूल पद पर नियुक्त व पदस्थ किये गये प्रथम उपायुक्त को लूपलाइन मे रखा गया है। इन सबसे हटकर एक जनसंपर्क अधिकारी को नियम विरुद्ध तरीके से उपायुक्त बनाना और अनेक विभागो की जिम्मेदारी प्रदान करना शेष योग्य व पात्र अधिकारियो की अवमानना ही नजर आती है। नगरीय प्रशासन विकास विभाग और कलेक्टर दुर्ग को इन विषयो पर गंभीरतापूर्वक ध्यान देकर नियमानुसार न्यायसंगत कार्यवाही करनी चाहिए।

No comments