Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग :

latest

भूमि अधिकार आंदोलन का सम्मेलन 28 को पेस्टोरल सेंटर, रायपुर में" हन्नान मोल्ला, मेधा पाटकर, सुनीलम होंगे शामिल"

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की कॉरपोरेट लूट तथा इसके खिलाफ लड़ रहे संगठनों औ...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की कॉरपोरेट लूट तथा इसके खिलाफ लड़ रहे संगठनों और कार्यकर्ताओं पर दमन के खिलाफ भूमि अधिकार आंदोलन का राज्य स्तरीय सम्मेलन 28 जून को पेस्टोरल सेंटर, बैरन बाजार, रायपुर में आयोजित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ में भूमि से विस्थापन, पुनर्वास, पर्यावरण संरक्षण, आदिवासियों, दलितों व कमजोर तबकों के अधिकार और आजीविका जैसे मुद्दों पर काम कर रहे अनेक संगठनों और उनके प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इन आंदोलनों से जुड़े हन्नान मोल्ला, मेधा पाटकर, सुनीलम, बादल सरोज, प्रफुल्ल समंत्रा जैसे राष्ट्रीय नेता भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

यह जानकारी एक विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ल और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने दी। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण कानून में मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉरपोरेटपरस्त और किसान विरोधी संशोधनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान भूमि अधिकार आंदोलन का जन्म हुआ था, जिसने पूरे देश में चल रहे भूमि संघर्षों को संगठित और एकजुट करके मोदी सरकार के किसान विरोधी कदमों को मात दी थी। प्रदेश में भूमि संघर्षों को विकसित करने और प्राकृतिक और सामुदायिक संसाधनों की लूट के खिलाफ छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से जुड़े संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय छत्तीसगढ़ में हसदेव, सिलगेर, रावघाट, बेचाघाट, कोरबा, चांपा, रायगढ़, जशपुर व नया रायपुर में किसानों और आदिवासियों के महत्वपूर्ण संघर्ष चल रहे हैं। ये सभी संघर्ष भूमि की रक्षा, विस्थापन, पुनर्वास सुविधा, रोजगार व ग्रामीण समुदायों की आजीविका जैसे मुद्दों पर चल रहे है।

भूमि अधिकार आंदोलन के सम्मेलन में इन संघर्षों में शामिल कार्यकर्ता अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगे और इन संघर्षों को समन्वित तरीके से चलाने की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे, ताकि इन मुद्दों पर साझा आंदोलन विकसित किया जा सके और उसे मजबूत बनाया जा सके। सम्मेलन में शामिल होने वाले भूमि अधिकार आन्दोलन से जुड़े राष्ट्रीय नेता भी इसके लिए आवश्यक मार्गदर्शन करेंगे।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर चल रहे संघर्षों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए इन आंदोलनों पर राज्य प्रायोजित दमन के खिलाफ भी आवाज बुलंद की जाएगी। ये दमन स्थानीय समुदायों को डराने-धमकाने, संविधान में निहित स्वशासन की अवधारणा को कुचलने तथा कॉरपोरेट लूट को सुगम बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जिसके खिलाफ प्रदेश की सभी जनतांत्रिक ताकतों को लामबंद किया जाएगा। प्रदेश की काँग्रेस सरकार ने लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों पर जो गैर-कानूनी प्रतिबंध लगाए हैं, उसके खिलाफ भी आवाज़ बुलंद की जाएगी।

     संपादक

प्रदीप गंजीर रायपुर (छ ग)

मो. 9425230709

No comments