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सोनी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमदभागवत महापुराण में पधारे युवा नेता आनंद पवार

  छत्तीसगढ़ कौशल न्युज मुकेश कश्यप धमतरी:- माँ विंध्यवासिनी के प्रांगण में स्व. श्री किशोर सोनी जी के पुण्य स्मृति में समस्त सोनी परिवार के ...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्युज

मुकेश कश्यप धमतरी:- माँ विंध्यवासिनी के प्रांगण में स्व. श्री किशोर सोनी जी के पुण्य स्मृति में समस्त सोनी परिवार के द्वारा आयोजित श्री मदभागवत महापुराण के चतुर्थ दिवस में बाल व्यास पंडित ऋषभ त्रिपाठी ने भगवान शिव और माँ पार्वती के विवाह की कथा, ऋषभ देव जी की कथा , जड़ भरत की कथा , हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यपु व भक्त प्रह्लाद की कथा , समुद्र मंथन की कथा , वामन चरित्र की कथा व साथ ही साथ राम जन्म और कृष्ण जन्म की पावन कथा का श्रवण रसपान कराते हुए बताया की जब जब इस पृथ्वी पर धर्म घटने लगता है अधर्म कि हानि होती है तब तब भगवान इस पृथ्वी पर अवतार लेते है और फिर से धर्म की स्थापना करते है और कंस के बढ़ते अत्याचार के कारण ही भगवान कृष्ण इस पृथ्वी पर अवतार धारण कर के आये । 


कथा का श्रवण करने के लिये माँ विन्ध्यवासिनी बिलाई माता मंदिर समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री आनंद पवार सपत्निक पहुँचे, उन्होंने व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया,उन्होंने बाल व्यास पंडित ऋषभ त्रिपाठी के बारे में बताया कि वे उन्हें उनके बचपन से जानते है,तब से ही उनकी तेजस्विता और आभा उन्हें प्रभावित करती रही है,कथावाचन के अतिरिक्त वे बचपन से योगाभ्यास भी करते रहे है,यही कारण रहा कि उन्होंने इतनी कम आयु में ज्ञान प्राप्त कर लिया,क्योंकि एक सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा एवं योगी को ज्ञान अधिक सुगमता से प्राप्त हो जाता है,उनकी कथावाचन शैली और प्रसंगों का प्रस्तुतिकरण बेहद प्रभावी है,जब वे व्यास पीठ पर विराजमान होते है तो उन्हें देखकर आप यह कल्पना कर सकते है कि शुकदेव का स्वरूप कैसा रहा होगा,हमारे आसपास बहुत सी भागवत कथाएं आयोजन होती है लेकिन बाल व्यास पंडित ऋषभ त्रिपाठी को देखकर लगता है कि उन ओर ईश्वर की कोई विशेष कृपा है और ईश्वर ने अपनी कथा के प्रचार प्रसार के लिए उन्हें विशेष तौर पर चुना है,भागवत महापुराण के सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण बताया गया है,लेकिन जब कोई कथावाचक उसके आध्यात्मिक अर्थ को इतने सुंदर ढंग से जीवन के विभिन्न आयामो से जोड़कर बताता है तो आप अपने जीवन को बेहतर बनाने में सरलता का अनुभव करते है,उनमें आपको भगवान कृष्ण द्वारा गीता में बताए हुए ज्ञान योग,कर्म योग और भक्ति योग तीनो के दर्शन होते है,इस कथा को सुनने विजयंत पवार, शिवअंश पटवा ,उत्तम दूबे और समस्त श्रद्धालु श्रोतागण उपस्थित रहे।

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