छत्तीसगढ़ कौशल समाचार मुकेश कश्यप कुरुद:- मंगलवार को नगर सहित अंचल में धूमधाम के साथ कमर छठ का पर्व मनाया गया ।संतान की लंबी उम्र व विकास...
छत्तीसगढ़ कौशल समाचार
मुकेश कश्यप कुरुद:- मंगलवार को नगर सहित अंचल में धूमधाम के साथ कमर छठ का पर्व मनाया गया ।संतान की लंबी उम्र व विकास की कामना के लिए मातृशक्तियों द्वारा मनाए जाने वाले इस पर्व का उत्साह सुबह से देखते बना।माताओं ने इसकी तैयारी पूर्ण कर रखी थी।तंदउपरांत वार्ड नम्बर सात वृंदावन सरोवर शिव मंदिर के पास सहित नगर में विभिन्न स्थानों पर सभी माताओं ने विधिवत सगरी बनाकर पूजा-अर्चना कर संतान के लिए मंगलकामना की।
विदित है कि छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहारों में से एक कमरछठ को हलछठ या हलषष्ठी भी कहा जाता है।इस व्रत को करने वाली माताएं निर्जला रहकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।इस दिन माताएं छह तरह की भाजियां, पसहर चावल, काशी के फूल, महुआ के पत्ते, धान की लाई सहित पूजा की कई
छोटी-बड़ी पूजन की सामाग्री भगवान शिव को अर्पित कर संतान के दीर्घायु जीवन की कामना करती है।इस मौके पर कमरछठ की कहानी सुनकर शाम को डूबते सूर्य को अध्र्य देने के बाद अपना व्रत पूरा करती है।छत्तीसगढ़ में कमरछठ का महत्व है जो संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है।तरह-तरह की भाजियों के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ में कमरछठ में भी भाजियों का अपना महत्व है। इस व्रत में छह तरह की ऐसी भाजियों का उपयोग किया जाता है। जिसमें हल का उपयोग ना किया हो। जिसमें चरोटा भाजी, खट्टा भाजी, चेंच भाजी, मुनगा भाजी, कुम्हड़ा भाजी, लाल भाजी, चौलाई भाजी शामिल है।
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