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लोगों की सेहत दुरुस्त करने का जिम्मा लेने वाला कुरूद अस्पताल खुद बीमार

  छत्तीसगढ कौशल न्युज कुरूद:- सिविल अस्पताल कुरूद जो कि हमेशा कुछ न कुछ सुर्खियों में बना रहता है, बीएमओ डॉ यू.एस.नवरत्न ने संवाददाता से रूब...

 


छत्तीसगढ कौशल न्युज

कुरूद:- सिविल अस्पताल कुरूद जो कि हमेशा कुछ न कुछ सुर्खियों में बना रहता है, बीएमओ डॉ यू.एस.नवरत्न ने संवाददाता से रूबरू चर्चा में कहॉ जिसमें अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों के ठहरने के उद्देश्य से शासन द्वारा रैन बसेरा का निर्माण करवाया गया है । इस बीच सिविल अस्पताल परिसर में कितने रैन बसेरा निर्मित है पूछे जाने पर बीएमओ द्वारा एक रैन बसेरा होना बताया जिसका उपयोग आपातकालीन चिकित्सा एवं ड्रेसिंग कक्ष के लिये उपयोग किया जाना बताया अखबार वालों को हमेशा आधी अधूरी ही जानकारी दिया जाता है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जबकि अस्पताल परिसर में तीन रैन बसेरा निर्मित है जिसका उपयोग आपातकालीन चिकित्सा, लैब और कार्यालय हेतु किया जा रहा है। रैन बसेरा का निर्माण मरीजो के साथ आने वाले परिजनो के लिये किया गया है लेकिन उसका उपयोग अन्य हेतु करने के कारण मरीजो के परीजन भोजन करने, रात्रि के समय आराम करने, शौच सुविधा के लिये इधर उधर भटकना सिविल अस्पताल कुरूद में देखने को मिली। 

            साथ ही अस्पताल आने वाले ओपीडी मरीजो एवं उनके परि जनों के लिये शौचालय व्यवस्था न होने के संबंध में जानकारी चाही गई तो अस्पताल अंदर भर्ती मरीजो के उपयोग के लिये बने शौचालय का उपयोग परिजनों के द्वारा भी किए जाने की बात कि बात कही वहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया अस्पताल परिसर में एक शौचालय है जिसका उपयोग महिला एवं पुरूष दोनों करते है महिलाओं और पुरूषो के लिये पृथक-पृथक शौचालय व्यवस्था न बनाकर और ओपीडी में आने वाले मरीजो के लिये शौचालय सुविधा मुहैया न कराकर बीएमओ द्वारा अनुचित कार्यो को अस्पताल परिसर में करवाकर शासन को आर्थिक नुकसान पहुॅचाया जा रहा है। ऐसी बात परिजनों के मुख से निकली इसी तरह शासन द्वारा आमजनो को सिविल अस्पताल कुरूद में ही सोनोग्राफी सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से 05 वर्ष पूर्व सोनोग्राफी मशीन स्थापित करवाया गया था जो कि प्राप्त होने बाद लंबे समय बाद उपयोग में लाया गया फिर कुछ दिन उपयोग में लाने के बाद अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही कि वजह से खराब हो गया जो लंबे समय बाद बना था।

               फिर माह में दो दिवस ही गर्भवती महिलाओं के जॉच के लिए उपयोग में लाया जा रहा था। जो 03 माह पूर्व पूनः खराब हो गया बीएमओ मशीन का मरम्मत न करवाकर अस्पताल में छोटे-छोटे बहुत से निर्माण कार्य एवं पोताई आदि बेफिजुल कार्यो में राशि खर्च कर आमजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के लिये किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसा विपक्ष के नेताओं व भर्ती मरीजों के परिजनों का कहना है। लैब को अस्पताल से दूर में संचालित किया जा रहा है जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजो, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गो को किसी प्रकार के जॉच करवाने के लिये बार-बार लंबी दूरी चलना पडता है जिससे मरीजो को और तकलिफ झेलना पडता है साथ ही इस अस्पताल में गंभीर मरीजों को लाने ले जाने के लिये ठीक से एक व्हील चेयर भी अस्पताल में नहीं है। लंबे समय से जमे अधिकारी होने के कारण यह अस्पताल पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में होने के बावजूद भी भगवान भरोसे संचालित हो रहा है। 

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