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अदभुत : समुद्र के बीचों-बीच 600 सालों से खड़ा है यह मंदिर, इसकी सुरक्षा करते हैं जहरीले सांप

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज । भारत   में सैकड़ों ऐसे मंदिर हैं, जो कई सौ सालों से आज भी सही सलामत खड़े हुए हैं. हम आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बार...

 


छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज । भारत में सैकड़ों ऐसे मंदिर हैं, जो कई सौ सालों से आज भी सही सलामत खड़े हुए हैं. हम आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 600 सालों से समुद्र के बीचों-बीच खड़ा हुआ है. यह मंदिर इंडोनेशिया में स्थित है. 600 साल पुराने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसकी सुरक्षा जहरीले सांप करते हैं।

यह मंदिर इंडोनेशिया (Indonesia) में के एक समुद्र पट पर स्थित है. यह एक ऊंची चट्टान पर बना हुआ है. माना जाता है कि चट्टान का निर्माण हजारों साल समुद्री पानी के ज्वार से हुए क्षरण के कारण हुआ है. इ मंदिर के बनने की कहानी बेहद अनोखी है. इसे तनाह लोत मंदिर के नाम से जाना जाता है. इंडोनेशिया के बाली में यह स्थित है।

'तनाह लोत' का स्थानीय भाषा में मतलब समुद्री भूमि अथवा समुद्री जमीन से है. बाली के सागर तट पर स्थि सात मंदिरों में से यह एक है, इन्हें एक श्रृंखला के रूप में बनाया गया है. मंदिरों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हर मंदिर से अगला मंदिर एकदम साफ प्रदर्शित होता है. यह मंदिर जिस शिला पर बना है, वह साल 1980 में कमजोर होकर झड़ने लगी थी. इसके बाद मंदिर के आसपास के क्षेत्र को खतरनाक घोषित किया गया था।


जापान की सरकार ने इसे बचाने के लिए इंडोनेशिया के सरकार की मदद की. फिर चट्टान के लगभग एक तिहाई हिस्से को कृत्रिम चट्टान से ढंका गया. माना जाता है कि तनाह लोत मंदिर का निर्माण 15वीं सदी में निरर्थ नामक एक पुजारी ने करवाया था. पुजारी समुद्र तट के किनारे चलते हुए इस जगह पहुंचा था।
इस जगह की सुंदरता पुजारी को भा गई थी. इसके बाद उसने यहां मंदिर निर्माण के बारे में सोचा. उस रात को पुजारी रात भर वहीं ठहरा था. इस दौरान पुजारी ने आसपास के मछुआरों से इस जगह पर समुद्र देवता का मंदिर बनवाने का आग्रह किया. मंदिर में पुजारी निरर्थ की पूजा भी होती है. बताया जाता है कि बुरी आत्माओं से इस मंदिर की सुरक्षा इसके पत्थर के नीचे रहने वाले विषैले सांप करते हैं।

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