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राहत की खबर: 100 मरीजों पर रिसर्च…इस बार फेफड़ों में संक्रमण कम, बुखार, खराश, दर्द की शिकायत

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रायपुर। तीसरी लहर में प्रदेश में मिल रहे कोरोना के नए मरीजों के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण के मामले बिल्कुल न के बराबर...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

रायपुर। तीसरी लहर में प्रदेश में मिल रहे कोरोना के नए मरीजों के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण के मामले बिल्कुल न के बराबर देखे जा रहे हैं। डॉ. अंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभाग के एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर के 100 मरीजों पर तात्कालिक रिसर्च किया है।

उसी के नतीजों से फेफड़ों के संक्रमण के बारे में पता चला है। रिसर्च में ये भी सामने आया है कि पहली-दूसरी लहर में वायरस की चपेट में जहां फेफड़े और पूरे श्वसन तंत्र में इंफेक्शन आ रहा था, वैसे स्थिति अभी संक्रमित होने वाले मरीजों में नहीं देखी जा रही है। डॉ. अंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभाग में पिछली दो लहरों पर कोरोना मरीजों के रेस्पिरेटरी सिस्टम यानी श्वसन तंत्र और फेफड़ों में पड़ने वाले असर पर लगातार शोध किया जा रहा है। इसमें मरीजों से लगातार बात की गई, उनके प्रारंभिक लक्षणों का विश्लेषण भी किया गया। कुछ मरीजों के सीटी स्कैन की भी स्टडी की गई है।

ज्यादा मरीजों काे बुखार आया, सब घर में हो गए ठीक

स्टडी में 100 मरीजों से बातचीत की तो गई तो ज्यादातर मरीजों ने प्रारंभिक लक्षण के रूप में बुखार, गले में दर्द, सूखी खांसी, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी सामान्य शिकायतें बताई है। इन्हीं लक्षणों के आधार पर सभी ने कोरोना जांच करवाई और वे पॉजिटिव निकल गए। इतना ही नहीं, सभी 100 मरीजों में फेफड़ों में संक्रमण के लक्षण नहीं देखे गए हैं। जिसके आधार पर निष्कर्ष निकाला गया है कि अभी वायरस नॉर्मल है और मरीज हल्के लक्षण वाले हैं। यहां तक कि स्टडी में शामिल हुए ज्यादातर मरीज घर पर ही रहकर स्वस्थ हो गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक पोस्ट कोविड लक्षण को लेकर एहतियातन अभी भी नजर रखी जा रही है। ताकि अगर कोई अलग तरह की दिक्कत डेवलप होती है तो उसे स्टडी किया जा सके।

कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर, एंटीजन या ट्रूनेट टेस्ट ही पर्याप्त हैं। सीटी स्कैन गैर जरूरी रूप से बिल्कुल भी नहीं करवाएं। कई मरीज अनावश्यक रूप से तरह-तरह के ब्लड टेस्ट करवा रहे हैं, वो भी करवाना जरूरी नहीं है। जो डॉक्टर आपको ट्रीट कर रहे हैं केवल उनकी सलाह पर ही कोई दूसरा टेस्ट करवा सकते हैं। अभी ज्यादातर मरीजों में हल्के मामूली लक्षण हैं, इसलिए घबराने या डरने की कोई बात नहीं है। जांच के बाद ज्यादातर मरीज सात दिन के अंदर ही स्वस्थ हो रहे हैं। फेफड़े और श्वसन तंत्र में भी कोई दिक्कत नहीं आ रही है ।

   संपादक

प्रदीप गंजीर ( छ. ग.)

मो. 9425230709

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