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सरपंच व सचिव पर शासकीय राशि गबन करने का आरोप, ग्रामीणों वार्ड पंचों ने किया शिकायत

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रायगढ़ । दूरस्थ आदिवासी अंचल जनपद पंचायत लैलूंगा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बहामा के ग्रामीण अपने सरपंच व सचिव क...

 


छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

रायगढ़ । दूरस्थ आदिवासी अंचल जनपद पंचायत लैलूंगा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बहामा के ग्रामीण अपने सरपंच व सचिव के क्रियाकलापों से असंतुष्ट हो कर आज जिला कलेक्टरेट पहुंचे और एडिशनल कलेक्टर आर ए कुरुवंशी से मुलाकात कर अपना ज्ञापन सौंपा।

आखिर ग्रामीणों की शिकायत पर जनपद पंचायत शिकायत को क्यों सुलझा नहीं सका। आखिरकार ग्रामीणों को जिला कलेक्ट्रेट रायगढ़ कलेक्टर कार्यालय तक क्यों जाना पड़ा। इससे साफ सवाल उठता है कि कहीं जनपद पंचायत का मिलीभगत तो नहीं।

लेकिन अब देखना यह होगा कि 

आखिर ग्रामीणों के शिकायत पर क्या कार्यवाही होती है। कि सरपंच व सचिव द्वारा गांव के मूलभूत योजनाओं के 14 वे व 15 वे वित्त की राशि का गबन कर लिया गया है। सचिव क्वार्टर रहने के बाद भी सचिव महोदया मुख्यालय में नही रहती वह जशपुर जिले के अपने गांव से आना जाना करती है। ग्रामीणों को अपना व्यक्तिगत कार्य संपादन के लिए जशपुर जिला स्थित उसके घर जाते है। सत्ता पक्ष के कतिपय नेताओं के संरक्षण के कारण सरपंच व सचिव की मनमानी बढ़ गयी है वही विकास कार्य ठप पड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने अपने शिकायत में लिखा है कि सरपंच व सचिव द्वारा स्वछ भारत मिशन के तहत बनने वाले शौचालय निर्माण कार्य आधे अधूरे है। 

जबकि पैसा आहरण कर लिया गया है।नल जल योजना के तहत ट्राय बेल सफाई व बोर खनन के नाम पर लाखों रुपये निकाल लिया गया है जबकि कुँए बावली के पानी पीने मजबूर है। कोविड 19 के समय बेवजह लाखो रुपये के नास्ता पानी के नाम पर निकाले गये है।सन 2020 में ओलावृष्टि के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ था जिसमें 19 लाख रुपये मुआवजे के रूप में दिए गए थे इस राशि का भी पात्र लोगो को न देकर पूरी राशि आहरण कर ली गयी है। 

रोजगार गारंटी के तहत सी सी रोड निर्माण में मजदूरों को मात्र 150 रुपये के दर पर भुगतान की गई है जबकि शासकीय दर 193 रुपये है । ग्रामीणों ने इन्ही गड़बड़ झाला का उजागर करते हुए एडिशनल कलेक्टर से निवेदन किया है कि सरपंच सचिव को तत्काल प्रभाव से कार्यवाही किया जावे।

वही इस मामले में एडिशनल कलेक्टर आर.ए कुरुवंशी ने जिला पंचायत सी ई ओ के माध्यम से जांच करवा कर कार्यवाही करने की बात कही है।

लेकिन अब सोचने वाली बात है, आखिर ग्रामीणों की शिकायत पर जनपद पंचायत शिकायत को क्यों सुलझा नहीं सका। आखिरकार ग्रामीणों को जिला कलेक्ट्रेट रायगढ़ कलेक्टर कार्यालय तक क्यों जाना पड़ा। इससे साफ सवाल उठता है कि कहीं जनपद पंचायत का मिलीभगत तो नहीं।
लेकिन अब देखना यह होगा कि आखिर ग्रामीणों के शिकायत पर क्या कार्यवाही होती है।

         संपादक 

प्रदीप गंजीर रायपुर (छ.ग)

मो.9425230709

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