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सिर्री: मजदूरों ने की रोजगार सहायिका और मेटों को बर्खास्त करने की मांग

  छत्तीसगढ़ कौशल न्युज सिर्री:- ग्राम पंचायत सिर्री में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत भ्रष्टाचार का उजागर हुआ है। ग्रामीणों का कह...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्युज

सिर्री:- ग्राम पंचायत सिर्री में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत भ्रष्टाचार का उजागर हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां फर्जी तरीके से हाजिरी मेटो के द्वारा चढ़ाया जा रहा है। महिला मेट है तो अपने पति का नाम फर्जी तरीके से हाजिरी में डाला जा रहा है तथा पुरुष के द्वारा अपने पत्नी का नाम डाला जा रहा है। जिसको देखकर ग्रामीणों ने लगातार ग्राम सिर्री में आवाज उठा रहे थे। वह गांव की गलियों में गूंज रहा है। ग्राम के रानू देवांगन ने जनपद पंचायत कुरूद में आवेदन दिया है कि मास्टररोल में फर्जी हाजिरी डालकर बिना फोटो खींचे ही फर्जी हाजिरी वाले के खाते में पैसा आ रहा है। मजदूरों ने 25 मई को सुबह 8 बजे पत्रकारों को बुलाया। गांव के गोठान के समीप बोर्राभाठा में काम चल रहा है। वहां देखने पर पता चला कि कार्यस्थल पर रोजगार सहायिका उपस्थित नहीं थी। मेटों के द्वारा वहां काम करवाया जा रहा था। जहां 181 मजदूरों के बीच सात मेट हाजिरी डाला जा रहा था। रोजगार सहायिका सरस्वती ध्रुव ने बताया कि मेटों के द्वारा काम कराया जा रहा है। 40 मजदूर के पीछे 1 मेट की जरूरत पड़ती है। 

लेकिन 181 मजदूर में 5 मेट की जरूरत पड़ती है। बाकी मेट रोजी में काम कर रहे है। इसी बीच रोजगार गारंटी में काम करने वाले मजदूरों ने मेटों के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए बताया कि भारती साहू के पति रोहित साहू झलमला तालाब में काम में नहीं गया था। मेट भारती साहू को पूछने पर उन्होंने स्पष्ट बताया कि मेरे पति काम में नहीं गए थे। लेकिन मैं रोजगार गारंटी में मेट का काम की हूं तथा सर्वे का काम भी किया हूं। इस कारण दोनों का मजदूरी नहीं ले सकती। जिसके कारण से मैं मनरेगा काम में अपने पति रोहित साहू का फर्जी हाजिरी डालकर पैसा प्राप्त की हूं। साथ ही तुलसी साहू मेट ने बताया कि मैं मेट का काम करता हुं लेकिन मेरी पत्नी करुणा साहू काम में नहीं आने के बाद भी मेरी हाजिरी का पैसा करुणा साहू के खाते से प्राप्त करता हूं। इस प्रकार ग्रामीणों का कहना है कि भुनेश्वर, ओंकार, कोमिन, करुणा, चंद्रिका, तेजराम, रूपल, ऋषिराज, नानकी जैसे अन्य लोगों का भी फर्जी हाजिरी डाला गया जो कि जांच करने पर उजागर हो जायेगा।

इस बात पर रानू देवांगन का कहना है कि जब मेट अपने पति पत्नी के नाम से पेमेंट कराया जाता है तो मजदूरों का पैसा इसी तरह से पेमेंट क्यों नहीं होता है। रानू देवांगन ने आगे बताया कि जब झलमला तालाब में वह काम करने गया था उस समय रोहित साहू काम में गया ही नहीं था। जब संवाददाता पामेश देवांगन ने मेट भारती साहू को पूछा तब उन्होंने स्वयं बताया कि मैं सर्वे में गई थी। जिसके बदले रोजगार गारंटी में मेरे पति का नाम चढ़ाकर पैसा प्राप्त की हूं। पत्रकार द्वारा पूछा गया कि क्या रोजगार गारंटी में यह नियम है तब बताया कि मैं मुफ्त में सर्वे का काम नहीं करती हूं। इस कारण रोजगार गारंटी में मेरे पति काम में नहीं जाने के बाद भी नाम डालकर पेमेंट ली हूं। ऐसे अनेकों प्रश्न मेटों के संबंध में मजदूरों के द्वारा उठाया गया। परमेश्वरी साहू ने बताया कि आज तक रोजगार गारंटी का काम चल रहा है उसमे किसी मेट ने 85 दिन किसी ने 95 दिन और किसी ने 105 दिन काम किया है और वही पर किसी मजदूरों द्वारा 1 सप्ताह, 2 सप्ताह अथवा 3 सप्ताह तक ही काम किया है। इस प्रकार मजदूरों में भारी आकोश नजर आया। तथा रोजगार सहायिका सरस्वती ध्रुव से बात करने पर बताया कि मैं कभी कार्य स्थल पर आती हूं कभी नहीं आती हूं। मनरेगा का पूरा कार्य अधिकतर मेटों की उपस्थिति में की जाती है। इस प्रकार से मनरेगा में हुए फर्जीवाड़ा की जानकारी मैं नहीं दे पाऊंगी क्योंकि मैं फोटो खींचने के समय ही आती हूं। यह जानकारी मेटों के द्वारा ही दिया जा सकता है।

द्रोपति साहू, निर्मला साहू, परमेश्वरी साहू, रामेश्वरी, सोनबाई, डोमिन साहू, रजवा सतनामी, मजदूरों ने बताया कि मेट लोग अपने परिवारों का ही नाम मास्टर रोल में डालकर मजदूरी पेमेंट ले रहा है बाकी मजदूरों का ख्याल भी नही करते हैं और मजदूरों द्वारा अपनी समस्या रखे जाने पर उनका निराकरण नहीं कर पाते है। आगे मजदूरों, मेटों सहित रोजगार सहायक का कहना है कि ग्राम के सरपंच अमरजीत सिंह गुरुदत्ता आज तक 1 भी दिन मनरेगा कार्य स्थल में अपनी उपस्थिति नहीं दी है। 

पंच ह्यदय लाल देवांगन, पवन सिन्हा, हीरालाल साहू, धनेश्वरी यादव, केसर पटेल का कहना है कि रोजगार सहायिका और मेटों द्वारा हम लोगों को मनरेगा कार्य की जानकारी नहीं दिया जाता है। इसीलिए इस प्रकार गांव में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी नहीं है। मजदूरों की व्यथा सुनने पर पंचों ने बताया कि गांव में मनरेगा कार्य में कहीं न कहीं भारी भ्रष्टाचार हो रहा है जिसका निष्पक्ष जांच किया जाएं। अंत में ग्रामीणों, मजदूरों ने मांग किया हैं कि रोजगार सहायिका और मेटों को बर्खास्त कर मजदूरों को सही काम दिया जाए। मजदूरों ने उक्त प्रकार की बातें पत्रकारों के सामने रखी। मौके पर मेट भारती साहू, ओमकुमारी साहू, तुलसी साहू, महेंद्र ध्रुव, रेखा साहू, भगवती, भारती ध्रुव, सपना सेन, चित्ररेखा, गिरधर, हरीश साहू, जोहनू तारक सहित धनेश्वरी साहू, भानुमति,जागेश्वरी,गुंजा साहू, राजू नेताम, टिकेश्वर, हर्ष घिवारिया, हरी ध्रुव, प्रमोद यादव, पुनाराम, खोरबहरा साहू, धन्नू साहू उपस्थित रहे।

     संपादक

प्रदीप गंजीर (छ.ग)

माें. 9425230709

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